दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह रही तेजी, त्योहारों से पूर्व मांग का समर्थन था

By भाषा | Updated: February 14, 2021 10:26 IST2021-02-14T10:26:14+5:302021-02-14T10:26:14+5:30

Delhi oil-oilseed market was up sharply last week, demand was supported before festivals | दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह रही तेजी, त्योहारों से पूर्व मांग का समर्थन था

दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह रही तेजी, त्योहारों से पूर्व मांग का समर्थन था

नयी दिल्ली, 14 फरवरी आगामी त्यौहारी मांग और बाजार में कारोबारी गतिविधियों के बढ़ने से बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में खाद्यतेल की कीमतों में सुधार आया। इस दौरान लगभग सभी तेल -तिलहनों के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश में विभिन्न जिंसों के अलावा तिलहन फसलों के मंडी शुल्क में लगभग एक प्रतिशत की वृद्धि की गई है जिससे सरसों और सोयाबीन के दाम में लगभग 50 रुपये क्विन्टल की वृद्धि होने की संभावना है। मंडी शुल्क की यह वृद्धि 14 फरवरी से प्रभावी होगी।

उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में सीपीओ (कच्चा पामतेल) का आयात शुल्क मूल्य बढ़ाये जाने की उम्मीद के कारण भी बाकी तेल तिलहन कीमतों पर अनुकूल असर हुआ। इसके अलावा सूरजमुखी तेल का भाव 1,350 डॉलर प्रति टन तक महंगा होने से भी सीपीओ की मांग बढ़ी है।

सूत्रों ने कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप कुछ कम होने के बाद से कारोबार फिर से गति पकड़ रहा है और आगामी त्यौहारों के मौसम को देखते हुए आलू चिप्स और अन्य नमकीनों के साथ साथ होली के दौरान बनने वाले गुझिया के लिए खाद्य तेलों की मांग बढ़ी है जिससे सभी तेल तिलहनों के भाव पर अनुकूल असर हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल-तिलहन के भाव पर्याप्त सुधार दशाते बंद हुए। सूत्रों का कहना है कि मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो गई है, लेकिन खरीदारों में पुरानी सरसों की मांग है। नयी फसल के सरसों तेल में अभी हरापन है और इसे अच्छी तरह परिपक्व होने में अभी लगभग एक महीने का समय लगेगा। पुराने सरसों की किल्लत के बीच आगरा के सलोनी मंडी में पुराने सरसों का भाव 7,000 रुपये क्विन्टल के रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा है।

मूंगफली में निर्यात के साथ-साथ जाड़े की स्थानीय खपत की मांग भी है। इस वजह से मूंगफली दाना और इसके तेल की कीमतों में भी पर्याप्त सुधार दर्ज हुआ।

सूत्रों ने कहा कि निर्यात मांग के अलावा स्थानीय मांग होने के कारण मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में भी पर्याप्त सुधार आया। जबकि निर्यात की मांग बढ़ने से तिल मिड डिलीवरी तेल कीमतों में भी सुधार आया। कारोबारियों को बिनौलातेल पेराई के बाद मुनाफे का सौदा नहीं बैठता और इस बेपड़ता भाव की वजह से इसके तेल कीमतों में समीक्षाधीन सप्ताह में सुधार आया।

म.प्र. के बैतूल में सोयाबीन तेल मिल द्वारा सोयाबीन की खरीद भाव 5,050 रुपये क्विन्टल रहा है। मंडियों में आने वाले सोयाबीन के लगभग 15-25 प्रतिशत माल दागी हैं और इसकी वजह से सोयाबीन खली (डीओसी) की पर्याप्त निर्यात मांग को पूरा करने में मुश्किलें आ रही हैं। बेहतर सोयाबीन दाना की कमी की वजह से महाराष्ट्र में संयंत्र अपनी क्षमता से लगभग आधी क्षमता का ही उपयोग कर पा रही हैं। कारोबारियों के पास ‘पाइपलाइन’ में तेल का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है।

सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश की प्रसंस्करण इकाइयों ने सोयाबीन दाना की आपूर्ति में कमी के चलते पिछले कुछ दिन से कांडला से पामोलीन की खरीद बढ़ा रखी है।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन दाना और लूज के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले क्रमश: 175 रुपये और 170 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 4,900-4,950 रुपये और 4,805-4,845 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और डीगम तेल के भाव क्रमश: 220 रुपये, 220 रुपये और 170 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 12,320 रुपये, 11,870 रुपये और 10,970 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

गत सप्ताहांत सरसों दाना 150 रुपये सुधरकर 6,475-6,525 रुपये क्विन्टल और सरसों दादरी तेल 500 रुपये सुधरकर 13,400 रुपये क्विन्टल तथा सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल की कीमतें 75-75 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,015-2,165 रुपये और 2,145-2,260 रुपये प्रति टिन पर बंद हुईं।

निर्यात गतिविधियों में आई तेजी के बीच मूंगफली दाना सप्ताहांत में 35 रुपये के सुधार के साथ 5,700-5,765 रुपये क्विन्टल और मूंगफली गुजरात तेल 100 रुपये के सुधार के साथ 14,350 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड की कीमत भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 10 रुपये सुधरकर 2,280-2,340 रुपये प्रति टिन बंद हुई।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 300 रुपये सुधरकर 10,200 रुपये पर बंद हुआ। रिफाइंड पामोलिन दिल्ली और कांडला (बिना जीएसटी) के भाव क्रमश: 450 रुपये और 300 रुपये सुधरकर क्रमश: 11,850 रुपये और 10,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गये।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल भी 500 रुपये (बिना जीएसटी के) का सुधार दर्शाता 11,000 रुपये क्विंटल हो गया।

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