42 मामलों में भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई की सीवीसी की सलाह को ‘नजरअंदाज’ किया गया: रिपोर्ट

By भाषा | Updated: September 1, 2021 17:59 IST2021-09-01T17:59:58+5:302021-09-01T17:59:58+5:30

CVC's advice to take action against corrupt officers 'ignored' in 42 cases: Report | 42 मामलों में भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई की सीवीसी की सलाह को ‘नजरअंदाज’ किया गया: रिपोर्ट

42 मामलों में भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई की सीवीसी की सलाह को ‘नजरअंदाज’ किया गया: रिपोर्ट

रेलवे सहित विभिन्न सरकारी विभागों ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) की सलाह को ‘नजरअंदाज’ किया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 42 ऐसे मामले हैं जिनमें भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सीवीसी की सलाह का अनुपालन नहीं हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे में 10 मामलों में सीवीसी की सलाह के अनुरूप अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई। यानी इन मामलों में सलाह का पूरी तरह अनुपालन नहीं किया गया। इसी तरह केनरा बैंक में पांच ऐसे मामले हैं जिनमें सीवीसी की सलाह की अनदेखी हुई। इसके अलावा दो-दो मामले सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, महानदी कोलफील्ड्स लि. और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के हैं। इसके अलावा इस तरह का एक-एक मामला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, एलआईसी ऑफ इंडिया, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), ऑयल इंडिया लि. और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) का है। कार्रवाई करने की सलाह का अनुपालन नहीं किये जाने का एक-एक मामला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी), खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, एनटीपीसी लि., भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, पोत-परिवहन मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का है। संसद के मानसून सत्र में पेश वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल के दौरान विभिन्न विभागों ने उल्लेखनीय रूप से सीवीसी की सलाह से हटकर काम किया। इस रिपोर्ट को मंगलवार को सीवीसी की वेबसाइट पर डाला गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग की सलाह की अनदेखी या आयोग के साथ विचार-विमर्श नहीं करना सतर्कता की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। इससे सतर्कता प्रशासन की निष्पक्षता प्रभावित होती है। रिपोर्ट में इस तरह के कुछ मामलों की जानकारी दी गई है। ऐसे ही एक मामले के अनुसार, सीबीआई ने सरकारी अधिकारियों द्वारा सरकार के साथ 80.78 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। यह धोखाधड़ी विपणन विकास सहायता (एमडीए) योजना के क्रियान्वयन के नाम पर की गई। इस मामले में एक अधिकारी ने एमडीए सहायता जारी करने से पहले निरीक्षण नहीं किया था। इसकी वजह से एक बड़ी राशि कारीगरों तक नहीं पहुंच पाई। सीवीसी ने 31 अगस्त, 2018 को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के चार अधिकारियों के खिलाफ बड़ा जुर्माना लगाने की सलाह दी थी। इस मामले में अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने तीन अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना तो लगाया, लेकिन एक अधिकारी को बिना सीवीसी की सलाह के दोषमुक्त कर दिया। इसी तरह एक अन्य मामले में दिल्ली विधानसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता ने जीएनसीटीडी के परिवहन विभाग द्वारा स्मार्ट ऑप्टिकल कार्ड के जरिये आईटी को लागू करने के मामले में अनियमितताओं की शिकायत की थी। सीवीसी ने 15 सितंबर, 2009 को इस मामले में जिम्मेदारी तय करने और इसकी जानकारी आयोग को देने को कहा था। यह मामला भी 14 साल से लंबित है, जिसपर सीवीसी ने ‘नाराजगी’ जताई है।

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Web Title: CVC's advice to take action against corrupt officers 'ignored' in 42 cases: Report

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