न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ 40,000 करोड़ रुपये के मामलों पर विचार के लिए समय दिया

By भाषा | Updated: October 5, 2021 21:55 IST2021-10-05T21:55:22+5:302021-10-05T21:55:22+5:30

Court grants time to consider cases worth Rs 40,000 crore against telecom companies | न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ 40,000 करोड़ रुपये के मामलों पर विचार के लिए समय दिया

न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ 40,000 करोड़ रुपये के मामलों पर विचार के लिए समय दिया

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने सरकार को दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ करीब 40,000 करोड़ रुपये के विवादों से जुड़ी कानूनी मामले वापस लेने के लिए विचार करने को 17 नवंबर तक का समय दिया है।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने इस मामले को 17 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार ने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें उसने कहा है कि वह दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ मामले वापस लेने पर विचार कर रही है। उन्होंने इस मामले में जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा जिससे सरकार इसपर निर्णय ले सके।

केंद्र ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के खिलाफ अपील में हलफनामा दायर किया है, जिसमें उसने दूरसंचार विवाद समाधान अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) के आदेश को चुनौती दी है। टीडीसैट ने सरकार द्वारा आरकॉम को आवंटित अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के लिए शुल्क लेने के फैसले को रद्द कर दिया था। टीडीसैट ने दूरसंचार विभाग को कंपनी को 2,000 करोड़ रुपये लौटाने को भी कहा था।

विभाग ने कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र विभिन्न परिस्थितियों के कारण वित्तीय संकट से गुजर रहा है और दूरसंचार सेवाप्रदाता घाटे में चल रहे हैं।

सरकार ने कहा कि भारतीय बैंक संघ उसे सूचित किया है कि दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिकूल घटनाक्रमों से विफलता, गायब होती प्रतिस्पर्धा, एकाधिकार, अस्थिर संचालन जैसी समस्याएं आ सकती हैं और यह बैंकिंग प्रणाली के लिए गंभीर नुकसान का कारण बन सकता है जो इस क्षेत्र को काफी ऋण देता है।

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Web Title: Court grants time to consider cases worth Rs 40,000 crore against telecom companies

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