नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ते हुए नजर आ रही है। ऐसे में लॉकडाउन के कारण हो रहे आर्थिक नुकसान को लेकर भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) ने शुक्रवार को कहा कि 15 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.5 प्रतिशत के बराबर राहत पैकेज का एलान केंद्र सरकार को तत्काल करना चाहिए।
कोविड-19 के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को लगा झटका
सीआईआई (CII) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को कोविड-19 (COVID-19) की वजह से काफी तेज झटका लगा है। इस स्थिति में भारत भी इसमें कोई अपवाद नहीं है। इस महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में भी इस साल गिरावट दर्ज की जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की ओर से एक बड़े प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने की जरूरत है, जिससे गरीबों और उद्योग विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSMEs) को संकट से उबारा जा सके।
सीआईआई का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक यह महामारी तब तक कायम रहेगी। यही नहीं, इस महामारी की वैक्सीन तैयार करने में 12 से 18 महीने का समय लग सकता है। इसके अलावा सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में ये बात भी बताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया में भी करीब दो साल लग जाएंगे। ऐसे में तत्काल वित्तीय पैकेज जारी करने की जरूरत है।
क्या बोले CII अध्यक्ष?
इस मामले में सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा, 'आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश के 50 दिन हो चुके हैं। इसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर हमारे पहले के अनुमान से कहीं अधिक रहने का अंदेशा है। इसकी भरपाई बड़े प्रोत्साहन पैकेज से की जा सकती है, जिससे रोजगार और आजीविका को बचाया जा सके। सीआईआई का सुझाव है कि सरकार को 15 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज जारी करना चाहिए, जो जीडीपी के 7.5 प्रतिशत के बराबर होगा।'
मूडीज ने जताया अनुमान- 0% हो सकती है भारत की जीडीपी ग्रोथ
बता दें कि शुक्रवार को मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बताया था कि लॉकडाउन के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) जीरो फीसदी होने का अनुमान है। साथ ही, रेटिंग एजेंसी का ये अनुमान था कि फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में भी जीडीपी जीरो फीसदी रहेगी। हालांकि, एजेंसी का अनुमान है कि फाइनेंशियल ईयर 2022 में भारत की जीडीपी की ग्रोथ 6.6 फीसदी हो सकती है।
मालूम हो, देश में कोरोना वायरस की वजह से स्थिति बेहद गंभीर है। यही कारण है कि लॉकडाउन की अवधि को 17 मई तक बढ़ाया गया है। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक कुल 59,662 कोरोना वायरस से संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से जहां 1,981 लोगों की मृत्यु हो गई है तो वहीं 17,847 लोग या तो ठीक हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।