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सीसीआई ने आमेजन को कारण बताओ नोटिस भेजा

By भाषा | Updated: July 22, 2021 21:28 IST

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नयी दिल्ली, 22 जुलाई आमेजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे फ्यूचर ग्रुप द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से कारण बताओ नोटिस मिला है। दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है।

देश की सबसे बड़ी खुदरा कंपनियों में से एक फ्यूचर ग्रुप के रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ रिटेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग संपत्तियों के लिए 24,713 करोड़ रुपये का सौदा करने के बाद से उसके और अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी के बीच तेज कानूनी लड़ाई छिड़ी हुई है।

आमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमें मौजूदा विवाद के तहत फ्यूचर द्वारा दायर शिकायत के आधार पर सीसीआई से कारण बताओ नोटिस मिला है। हम भारत के कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस मामले में सीसीआई के साथ पूरा सहयोग करेंगे।"

प्रवक्ता ने साथ ही विश्वास जताया कि कंपनी सीसीआई की चिंताओं को दूर करने में सक्षम होगी।

उन्होंने कहा, "चूंकि फ्यूचर के साथ हमारा कानूनी विवाद चल रहा है, और हम गोपनीयता के दायित्वों से भी बंधे हैं, हम इस समय किसी भी आरोप के गुण-दोष या आधार पर टिप्पणी नहीं कर सकते।"

सीसीआई और फ्यूचर ग्रुप से तत्काल कोई प्रतिक्रिया हासिल नहीं हुई।

फ्यूचर ग्रुप ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सीसीआई के कारण बताओ नोटिस की एक प्रति सौंपी। उच्चतम न्यायालय मौजूदा विवाद को लेकर आमेजन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

एक निश्चित सीमा से अधिक के सौदों के लिए सीसीआई से मंजूरी लेने की जरूरत होती है। निगरानी संस्था के पास व्यापक शक्तियां हैं। इनके तहत, किसी भी समय यह पाए जाने पर कि अधिग्रहण करने वाली कंपनी ने गलत जानकारी दी है, सीसीआई लेनदेन के लिए दी गयी अपनी मंजूरी को रद्द कर सकता है।

सीसीआई ने चार जून को आमेजन को नोटिस भेजा था।

सीसीआई ने अपने नोटिस में आमेजन पर फ्यूयर ग्रुप को लेकर अपनी रणनीतिक हित को छिपाने का आरोप लगाया है और कहा है कि आयोग के सामने पूर्व में इस हित का खुलासा नहीं किया गया था।

अगस्त 2019 में आमेजन फ्यूचर ग्रुप की असूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिडेट में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुई थी। समझौते के तहत उसे तीन से 10 वर्षों के बाद फ्यूचर रिटेल को खरीदने का अधिकार भी मिलता।

लेकिन एक साल बाद रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के साथ उसके रिटेल, थोक व्यापार, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग व्यापार के अधिग्रहण के लिए 24,713 करोड़ रुपए का सौदा कर लिया।

इसके बाद आमेजन फ्यूचर ग्रुप को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय पंच निर्णय केंद्र (एसएआईसी) में ले गयी। पिछले साल अक्तूबर में सिंगापुर पंच-निर्णय केंद्र के आपातकालीन पंच (ईए) ने अपने फैसले में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे पर आगे बढ़ने पर रोक लगा दिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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