नयी दिल्ली/ कानपुर, 27 दिसंबर कर चोरी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में भेजे गए कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से अब तक करीब 194 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 23 किलोग्राम सोना एवं अन्य कीमती सामान जब्त किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि पान मसाला (गुटखा) एवं इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर स्थित आवास से 177.45 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी मिली है। मंत्रालय के मुताबिक, यह किसी भी ठिकाने से बरामद एवं जब्त की गई अब तक की सबसे बड़ी अघोषित नकदी है।
इसके अलावा कारोबारी के कन्नौज स्थित ठिकानों (आवासीय और कारखाना परिसर) से भी तलाशी दल को करीब 17 करोड़ रुपये की नकदी मिली है और नोटों की गिनती का काम अभी जारी है। इस कारोबारी के ठिकानों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों की तलाशी के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में अघोषित नकदी एवं सोना पकड़ा गया है।
जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की अहमदाबाद इकाई ने कर चोरी के आरोप में 22 दिसंबर को जैन के ठिकानों की तलाशी शुरू की थी। कानपुर स्थित ठिकाने पर तलाशी का काम पूरा हो चुका है लेकिन उसके कन्नौज स्थित ठिकानों की तलाशी अभी जारी है।
जैन के ठिकानों से 23 किलोग्राम सोना और बड़ी मात्रा में इत्र संबंधी कच्चा माल भी मिला है। इनमें 600 किलोग्राम से अधिक चंदन का तेल भी शामिल है। सोने और चंदन का तेल उसके घर के तहखाने से बरामद किया गया। इसका बाजार मूल्य करीब छह करोड़ रुपये है।
कारोबारी के पास से करोड़ों की अघोषित नकदी एवं कीमती सामान बरामद होने के बाद जीएसटी टीम ने रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को उसे कानपुर नगर की मेट्रोपोलिटन अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
संयुक्त निदेशक (अभियोजन) संजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अदालत में पेश किए जाने से पहले जैन का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और उसकी कोविड-19 जांच भी हुई।
जीएसटी अधिकारियों ने शिखर ब्रांड पान मसाला एवं तंबाकू उत्पादों के विनिर्माताओं के कानपुर कारखाने से अपना तलाशी अभियान शुरू किया था। उसके बाद कानपुर स्थित मैसर्स गणपति रोड कैरियर्स के कार्यालय एवं गोदाम के अलावा मैसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के कारखाने एवं ठिकानों पर तलाशी ली गई।
इस दौरान पान मसाला एवं तंबाकू से भरे हुए चार ट्रक पकड़े गए। इन उत्पादों पर जीएसटी का भुगतान किए बगैर फर्जी बिल बनाया गया था। पड़ताल से पता चला कि तंबाकू विनिर्माता ट्रांसपोर्टर की मदद से फर्जी बिल बनाता था। उसके पास से 200 से ज्यादा फर्जी बिल भी मिले हैं। पान मसाला विनिर्माताओं ने कर देनदारी के तौर पर 3.09 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, ओडोकेम इंडस्ट्रीज में साझेदार जैन के कानपुर स्थित ठिकाने पर 22 दिसंबर को शुरू हुआ तलाशी अभियान पूरा हो गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस ठिकाने से टीम ने कुल 177.45 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी जब्त की है। यह सीबीआईसी अधिकारियों की तरफ से अब तक की सबसे बड़ी नकदी बरामदगी है। वहां से बरामद कागजात की जांच की जा रही है।’’
हालांकि, कंपनी के कन्नौज स्थित ठिकानों पर शुरू हुई तलाशी अभी पूरी नहीं हुई है और अब भी अधिकारी तलाशी में लगे हुए हैं। वहां से जीएसटी अधिकारियों को करीब 17 करोड़ रुपये की नकदी मिली है और नोटों की गिनती का काम अभी जारी है। इसके अलावा 23 किलोग्राम सोना और सुगंधित उत्पादों में इस्तेमाल होने वाला अघोषित कच्चा माल भी पकड़ा गया है। इसकी कीमत करीब छह करोड़ रुपये है।
तलाशी अभियान के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में अघोषित नकदी एवं अन्य कीमती सामान की बरामदी के बाद जीएसटी अधिकारियों ने शनिवार को जैन का बयान भी दर्ज किया था। उस दौरान उसने कबूल किया कि आवासीय परिसरों से मिली नकदी जीएसटी के भुगतान के बगैर उत्पादों की बिक्री से संबंधित है।
आरोपी कारोबारी को जीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। सोमवार को उसे अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछले पांच दिनों में तलाशी के दौरान मिले साक्ष्यों की पड़ताल की जा रही है ताकि कर चोरी के अनुपात का पता लगाया जा सके।
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