बजट आत्मनिर्भर भारत के लिये, विपक्ष को झूठी कहानी गढ़ने की आदत: सीतारमण

By भाषा | Updated: February 12, 2021 20:15 IST2021-02-12T20:15:07+5:302021-02-12T20:15:07+5:30

Budget for self-reliant India, used to fabricate a false story to the opposition: Sitharaman | बजट आत्मनिर्भर भारत के लिये, विपक्ष को झूठी कहानी गढ़ने की आदत: सीतारमण

बजट आत्मनिर्भर भारत के लिये, विपक्ष को झूठी कहानी गढ़ने की आदत: सीतारमण

नयी दिल्ली, 12 फरवरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2021-22 का बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने का बजट है जिसमें, हिसाब-किताब की पारदर्शिता और सामाजिक आर्थिक ढांचे के विकास के साथ-साथ करदाताओं तथा उद्यमशीलता का सम्मान किया गया है।

बजट को पूंजीपतियों का बजट बताने वाले विपक्षी दलों पर करारा प्रहार करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह सरकार हर वर्ग के लिये काम कर रही है और सरकार पर साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है। उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, छोटे और मझोले उद्यमों की सहायता के लिये मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना और अन्य तमाम कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कि कहा कि इनका फायदा किसी पूंजीपति की जेब में नहीं जाता है।

वित्त मंत्री ने राज्यसभा में 2021-22 के बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये है। ऐसे समय जब दुनिया भर कर अर्थव्यवस्थाएं महामारी से प्रभावित हैं, हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, जिसका दूसरे क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव (गुणक प्रभाव) पड़े। इसीलिए हमने समाधान के अल्पकालीन उपायों के साथ साथ मध्यम और दीर्घावधि में भरोसेमंद सतत आर्थिक वृद्धि बनाये रखने पर ध्यान दिया है। इससे हम दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बनाए रख सकेंगे।

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सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों के लिये सड़क से लेकर कृषि, मकान से लेकर बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है, इसके बावजूद विपक्ष झूठी कहानी गढ़ रहा है कि सरकार साठगांठ कर पूंजीपतियों के लिये काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि विपक्ष मे कुछ लोगों की यह आदत हो गयी है। सरकार कुछ भी करे, भले ही वह साफ तौर पर दिखे कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिये है, फिर भी विपक्ष झूठी कहानी गढ़ता है और कहता है कि सरकार केवल पूंजीतपतियों के लिये काम करती है।’’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी राज्यसभा में आम बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा था कि ‘अमीरों का, अमीरों के लिए और अमीरों द्वारा ’ बनाया यह बजट देश की उस एक प्रतिशत आबादी के लिये से लाया गया है जिसके नियंत्रण में देश की 73 प्रतिशत संपदा है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ मकान बनाये गये हैं, सौभाग्य योजना के तहत अकटूबर 2017 से 2.67 घरों में बिजली पहुंचायी गयी। क्या यह सब गरीबों के लिये नहीं है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्रत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2014-15 से 2,11,192 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है, ये सड़के गांवों को जोड़ती हैं। क्या वे गांव अमीरों के हैं?’’ उन्होंने कहा कि जो लोग बिना सोचे-समझे आरोप लगाते हैं, उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के लेन-देन हुए। इसका फायदा लधु और मझोले उद्यामों को मिला। 3.6 लाख करोड़ डिजिटल लेन-देन यूपीआई (यूनाफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये हुए। ये सुविधाएं बड़े पूंजीपतियों ने नहीं उठायी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या ई-मार्कटप्लेस का उपयोग पूंजजीपति करते हैं। यूपीआई का उपयोग बड़े उद्योगपति करते हैं? क्या सरकार ने डिजिटल लेने-देन को बढ़ावा देने की सुविधा पूंजीपतियों के लिये की है? कुछ ‘दामादों’ के लिये की है? बिल्कुल नहीं। इससे केवल गरीबों को लाभ हो रहा है।’’

दामाद शब्द के उपयोग को लेकर कुछ कांग्रेसी सदस्यों की आपत्ति पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि दामाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई ट्रेडमार्क है। हर घर में दामाद होता है लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में ‘दामाद’और फेमिली (परिवार) विशेष नाम बन गए हैं।’’वास्तव में वित्त मंत्री ने दामाद शब्द के जरिये परोक्ष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट बाड्रा का संदर्भ दिया। बाड्रा पर संप्रग शासन के दौरान अवैध तरीके से लाभ उठाने का आरोप है।

कांग्रेस पार्टी और वाड्रा पूर्व में ऐसे आरोपों से इनकार कर चुके हैं।

पीएम सम्मान निधि के तहत राशि कम किये जाने के विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिये आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है।’’

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में बढ़ा है।

सीतारमण ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) की सारी कमियों को दूर कर इस साल सबसे अधिक 90,500 करोड़ रूपये व्यय किए हैं।

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘आपका ट्रैक रिकार्ड खराब है। आपके बजट अनुमान कभी हासिल नहीं किए जा सके।’’

रक्षा बजट में कमी के विपक्ष के आरोप पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह कहना तथ्य आधारित नहीं है कि सरकार ने रक्षा बजट में कमी की है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र के पूंजीगत खर्च में 18 प्रतिशत से अधिक का प्रावधान किया गया है और यह वृद्धि पूंजी और राजस्व दोनों मदों में की गयी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन योजना के बकाये को पूरा करने के लिए पिछले बजट में प्रावधान किया गया था जिसकी इस बार जरूरत नहीं थी।

चिदंबरम के बजट चर्चा के के दौरान आंकड़ों पर संदेह जताये जाने के बारे में सीतारमण ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने 2007-08 के दौरान एसबीआई में रिजर्व बैंक की हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए कागज पर 40,000 करोड़ रुपये के लेन-देन को पूंजी व्यय के अंतर्गत दिखाया था। उसका खजाने पर कोई असर नहीं होना था पर उसके जरिए उस बजट में पूंजी गत व्यय में 62 प्रतिशत की वृद्धि दिखायी गयी।

उन्होंने कहा कि अगर इसे अलग कर लिया जाए तो उस बजट में पूंजीगत व्यय की वृद्धि दर केवल 9 प्रतिशत रहती। सीतारमण ने सवाल किया , ‘‘क्या वह आंकड़ा संदिग्ध नहीं था?’’

सीतारमण ने कहा कि 2021-22 के बजट में पूंजी व्यय में सर्वाधिक 34.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रेलवे, सड़क और रक्षा जैसे क्षेत्रों के लिये पूंजीगत व्यय के ज्यादा ऊंचे प्रावधान किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार करदाताओं के ‘पाई-पाई’ का हिसाब सामने रख रही है। बजट में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गयी है और जो खर्च जहां है, वहां दिखाया गया है।

उनका संकेत पूर्व सरकार में सब्सिडी का पैसा तेल, उर्वरक कंपनियों और एफसीआई के खातों में डालने की ओर था।

सीतारमण ने कहा कि संप्रग के समय सब्सिडी के बदले तेल और उर्वरक कंपनियों को जारी बांड राजग के समय चुकाए गए।

उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम पर राष्ट्रीय लघु बचत कोष का कर्ज सरकार ने बजट से चुकाने का प्रावधान कर एक तरह बजट के आंकड़ों की विश्वसनीयता सुनिश्चित की है। साथ ही एफसीआई का कर्ज उतार कर तथा उसको अतिरिक्त शेयर पूंजी दे कर किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना को लागू करने के लिए अधिक सशक्त बनाया है।

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Web Title: Budget for self-reliant India, used to fabricate a false story to the opposition: Sitharaman

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