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बीपीसीएल भविष्य की तैयारियों में जुटी, पांच साल में करेगी एक लाख करोड़ रुपये का निवेश

By भाषा | Updated: September 27, 2021 19:36 IST

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नयी दिल्ली, 27 सितंबर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) की योजना अगले पांच साल के दौरान पेट्रोरसायन उत्पादन क्षमता बढ़ाने, गैस कारोबार, स्वच्छ ईंधन और बाजार ढांचे के विस्तार पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की है। कंपनी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी।

यहां उल्लेखनीय है कि सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की तैयारी कर रही है।

इस निवेश से बीपीसीएल को भविष्य के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी। भविष्य में परंपरागत ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में शून्य कॉर्बन उत्सर्जन वाला परिवहन साथ-साथ चलेगा। ऐसे में बीपीसीएल के पास कच्चे तेल को सीधे उच्च मूल्य के पेट्रोरसायनों में बदलने का विकल्प होगा।

देश की दूसरी बड़ी पेट्रोलियम कंपनी का लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का 1,000 मेगावॉट का पोर्टफोलियो बनाने का है। कंपनी यह कार्य मुख्य रूप से अधिग्रहण के जरिये करेगी।

सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि इस दौरान कंपनी जैव ईंधन और हाइड्रोजन में निवेश करेगी।

कंपनी का लक्ष्य मध्यम से दीर्घावधि में 19,000 पेट्रोल पंपों में से 7,000 को ऊर्जा स्टेशनों में तब्दील करने का है। कंपनी उपभोक्ताओं को कई ईंधन विकल्प मसलन पेट्रोल, डीजल, फ्लेक्सी फ्यूल, ईवी चार्जिंग सुविधा, सीएनजी और हाइड्रोजन उपलब्ध कराएगी।

बीपीसीएल के प्रमुख ने कहा, ‘‘आगामी वर्षों में कंपनी की आक्रामक तरीके से निवेश की योजना है। हम एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं। हम पेट्रोरसायन उत्पादन क्षमता बढ़ाने और रिफाइनिंग दक्षता के लिए 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। गैस कारोबार में 20,000 करोड़ रुपये, अपस्ट्रीम तेल एवं गैस खोज और उत्पादन में 18,000 करोड़ रुपये और ईंधन विपणन ढांचे के विस्तार पर 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।’’

इसके अलावा कंपनी की योजना नवीकरणीय ऊर्जा पर 5,000 करोड़ रुपये और जैव ईंधन में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की है।

बीपीसीएल के पास मुंबई, केरल के कोच्चि, मध्य प्रदेश के बीना में तीन रिफाइनरी का स्वामित्व और परिचालन है। इनमें कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल ईंधन में बदला जाता है। कंपनी अपनी रिफाइनरियों में पेट्रोरसायन इकाइयां जोड़ रही है।

सिंह ने कहा कि फरवरी, 2021 में कोच्चि रिफाइनरी में प्रॉपिलीन डेरिवेटिव पेट्रोरसायन परियोजना (पीडीपीपी) में दो इकाइयां चालू होने के साथ हम पेट्रोरसायन उत्पादन में अगुवा कंपनियों के साथ आ गए हैं। हम पेट्रोरसायन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाएंगे।

सरकार का लक्ष्य कुल ऊर्जा क्षेत्र में पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 2030 तक बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का है। अभी यह 6.2 प्रतिशत है। ऐसे में बीपीसीएल भी शहर गैस नेटवर्क में भारी निवेश कर रही है। कंपनी 12 एलएनजी ईंधन स्टेशन लगा रही है। सिंह ने कहा कि बीपीसीएल के पास 37 भौगोलिक क्षेत्रों में सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस (पीएनजी) की खुदरा बिक्री का लाइसेंस है।

उन्होंने कहा कि कंपनी और उसके संयुक्त उद्यमों के पास 1,393 सीएनजी स्टेशन हैं। अगले कुछ साल में सीएनजी स्टेशनों की संख्या कई गुना बढ़ेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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