नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद दुनिया भर के बाजारों में हुई भारी गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों में भी देखा गया और शुरुआती कारोबार के दौरान निवेशकों के आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए। वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के बीच सेंसेक्स 2500 अंकों तक डूब गया।कमोडिटी बाजारों पर भी काफी असर देखने को मिल रहा है। वैश्विक बाजारों से संकेत लेते हुए घरेलू शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 1200 अंकों से ज्यादा नीचे खुला और देखते ही देखते गिरावट 2500 अंकों तक पहुंच गई।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बुधवार को कारोबार खत्म होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था, जो गुरुवार को सुबह साढ़े 10 बजे तक घटकर 128 लाख करोड़ रुपये रह गया। व्यापारियों ने कहा कि वैश्विक रुख के अलावा विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने के चलते निवेशकों की भावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को सकल आधार पर 3,515.38 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। शुरुआती कारोबार के दौरान बीएसई में 1,789 शेयरों में गिरावट आई, जबकि सिर्फ 152 शेयर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
कमजोर हुआ रुपया
वहीं रुपये की बात करें तो मनी कंट्रोल के मुताबिक आज शुरुआत कमजोर हुई है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 62 पैसे की कमजोरी के साथ 74.25 के स्तर पर खुला है। वहीं, पिछले कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 46 पैसे की मजबूती के साथ 73.63 के स्तर पर बंद हुआ था।
कच्चा तेल की कीमतों में उथल पुथल जारी
कच्चा तेल की कीमतों को लेकर मचे घमासान के बीच सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की उत्पादन वृद्धि की घोषणा से कल बुधवार को भी इसमें गिरावट देखने को मिली। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभावों से निपटने के लिए अमेरिका में राहत पैकेज को लेकर अनिश्चतता को लेकर निवेशकों के बेचैनी होने से शेयर बाजार फिर बिकवाली के दौर में फंस गए। सोमवार को बाजारों में सुधार दिखा था। सऊदी अरब ने कच्चा तेल की कीमतों को मजबूती देने के लिये उत्पादन में कटौती के प्रस्ताव को रूस के द्वारा खारिज करने के बाद दैनिक आपूर्ति में कम से कम 25 लाख बैरल की वृद्धि करने की घोषणा की है। ओपेक समूह के चौथे बड़े उत्पादक संयुक्त अरब अमीरात ने भी सऊदी अरब की राह अपनाते हुए दैनिक आपूर्ति 10 लाख बैरल बढ़ाने की बुधवार को घोषणा की। चीन से फैले कोरोना वायरस संक्रमण से तेल बाजार मांग की नरमी से प्रभावित है। आपूर्ति बढ़ने से कीमतें टूटने का जोखिम बढ़ गया है। ओपेक ने भी इस बीच कच्चा तेल बाजार को झटका देते हुए वैश्विक मांग के पूर्वानुमान में कटौती करने की घोषणा कर दी। ओपेक ने ताजा मासिक पूर्वानुमान में कहा कि कच्चा तेल की दैनिक वैश्विक मांग 9.2 लाख बैरल कम होकर 997.3 लाख बैरल पर आ सकती है। ओपेक ने आने वाले समय में मांग के पूर्वानुमान में और कटौती करने की भी चेतावनी की। इस कारण कच्चा तेल में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गयी। दिन की शुरुआत में कच्चा तेल में पांच प्रतिशत तक की तेजी चल रही थी। वैश्विक शेयर बाजारों को कच्चा तेल की नरमी से समर्थन मिल रहा था।