नयी दिल्ली, छह दिसंबर डेलॉयट इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग उद्योग को अपने आईटी ढांचे को उन्नत करने और साइबर अपराध की घटनाओं से प्रभावी रूप से निपटने के लिए अनुभवी मुख्य जोखिम अधिकारियों को नियुक्त करने की जरूरत है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन अपराधों के लिए बैंकों को सबसे अधिक निशाना बनाया जा रहा है और भारत में 2018-19 के बीच हुए साइबर सुरक्षा संबंधी हमलों में करीब 22 प्रतिशत बैंकिंग उद्योग से संबंधित हैं।
डेलॉयट की रिपोर्ट ‘कोविड के बाद की दुनिया का डिजिटलीकरण’ में कहा गया, ‘‘साइबर हमले दिन पर दिन जटिल होते जा रहे हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बैंकों को अनुभवी मुख्य जोखिम अधिकारियों की नियुक्ति करने की जरूरत है, जो कर्मचारियों को जरूरी कौशल सिखाने की जिम्मेदारी ले सकें और सेना की तर्ज पर साइबर सुरक्षा समाधान के लिए निवेश करने की जरूरत है, ताकि बेहद अत्याधुनिक हमलों की पहचान की जा सके।’’
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र तेजी से बदलती व्यावसायिक मांगों की दिशा में कदम उठा रहा है और लॉकडाउन के बाद घर से काम करने के लिए डिजिटलीकरण की प्रक्रिया तेजी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इसके चलते डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के संबंध में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि साइबर सुरक्षा को लेकर वर्ष 2020 भारतीय बैंकों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।
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