बैंकों को डिजिटल तौर-तरीका अपनाने की जरूरत अन्यथा वे खत्म हो जाएंगे: पूर्व वित्त सचिव

By भाषा | Updated: April 29, 2021 21:27 IST2021-04-29T21:27:02+5:302021-04-29T21:27:02+5:30

Banks need to adopt digital approach otherwise they will end: ex-finance secretary | बैंकों को डिजिटल तौर-तरीका अपनाने की जरूरत अन्यथा वे खत्म हो जाएंगे: पूर्व वित्त सचिव

बैंकों को डिजिटल तौर-तरीका अपनाने की जरूरत अन्यथा वे खत्म हो जाएंगे: पूर्व वित्त सचिव

मुंबई, 29 अप्रैल पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग ने बृहस्पतिवार को कहा कि डिजिटल लेन-देन में वृद्धि के साथ बैंकों के लिये यह जरूरी है कि वे वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के मॉडल को अपनाये, अन्यथा वे खत्म हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रौद्योागिकी कंपनियां भुगतान खंड में काफी क्षेत्र पर कब्जा जमा ली हैं और अब बैंकों का प्रमुख कारोबार कर्ज के क्षेत्र में भी इन कंपनियों की गतिविधियां तेज है।

उद्योग मंडल एसोचैम के कार्यक्रम को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए गर्ग ने कहा, ‘‘डिजिटल युग में बैंकों को वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों की तरह काम करना होगा, अन्यथा वे खत्म हो जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि एक बार डिजिटल वॉलेट की सीमा बढ़ जाती है और अगर मुद्रा का डिजिटलीकरण किया जाता है....बैंक औपचारिक रूप से सिकुड़ते हुए भुगतान क्षेत्र से बाहर हो जाएंगे।

पूर्व वित्त सचिव ने हालांकि भरोसा जताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पहल ‘नेशनल अम्ब्रेला एंटिटी’ (एनयूई) बैंकों को भुगतान खंड में बड़ी इकाइयों के रूप में बने रखने में मदद कर सकती है। एनयूई के प्रवर्तक संभवत: बैंक ही होंगे।

उन्होंने कहा कि कर्ज के क्षेत्र में वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने कर्ज आकलन के संदर्भ में प्रक्रियाओं को छोटी की हैं और पैसा तेजी से कर्जदार के खाते में भेज सकती हैं।

गर्ग ने आगाह करते हुए कहा, ‘‘बैंकों को अपने प्रमुख कारोबार (कर्ज) को बनाये रखने के लिये वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों की रह या डिजिटल या ‘ऑनलाइन’ बनना पड़ेगा। इस बात की काफी संभावना है कि बैंक कर्ज के क्षेत्र में भी अपनी मजबूत स्थिति गंवा सकते हैं।’’

पूर्व के एक सत्र में ‘डिजिटलकरण के बारे में भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के सीईओ सुनील मेहता ने कहा कि बैंकों ने जो डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनायी है, उससे वे महामारी के समय वित्तीय लेन-देन और भुगतान को सुगम बना सकी।

मार्च 2020 के अंत में डिजिटल लेन-देन की संख्या 2 लाख करोड़ थी जो मार्च 2021 में बढ़कर 5 लाख करोड़ पहुंच गयी।

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