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कॉरपोरेट कर में कमी से बैंकिंग, एफएमसीजी को होगा फायदा; दवा, आईटी कंपनियों रहेंगी बेअसर

By भाषा | Updated: September 22, 2019 18:03 IST

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका तत्काल फायदा घरेलू कॉरपोरेट जगत में नकदी प्रवाह बढ़ने के रूप में सामने आयेगा। इस बढ़ी हुई नकदी का इस्तेमाल वह या तो कर्ज कम करने या क्षमता बढ़ाने को होने वाले निवेश में किया जा सकता है।

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ठळक मुद्दे‘सरकार ने शुक्रवार को कॉरपोरेट कर की दर करीब 35 प्रतिशत से घटाकर 25.17 प्रतिशत करने की घोषणा की सरकार प्रत्यक्ष कर संहिता के अपने महत्वपूर्ण एजेंडे पर काम कर रही है।

आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च का मानना है कि कॉरपोरेट कर दरें घटाने से बैंकिंग और एफएमसीजी क्षेत्र को तो फायदा होगा, लेकिन आईटी और दवा कंपनियों को इससे कोई ठोस फायदा नहीं होगा क्योंकि इनके लिये कॉरपोरेट कर की प्रभावी दरें पहले से ही कम हैं।

उसने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘सरकार ने शुक्रवार को कॉरपोरेट कर की दर करीब 35 प्रतिशत से घटाकर 25.17 प्रतिशत करने की घोषणा की है। इससे लगता है कि सरकार प्रत्यक्ष कर संहिता के अपने महत्वपूर्ण एजेंडे पर काम कर रही है। यह वृद्धि को सुधारने के लिये तथा हाल में सुस्त चल रही धारणा को बल देने के लिये बड़ा कदम है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका तत्काल फायदा घरेलू कॉरपोरेट जगत में नकदी प्रवाह बढ़ने के रूप में सामने आयेगा। इस बढ़ी हुई नकदी का इस्तेमाल वह या तो कर्ज कम करने या क्षमता बढ़ाने को होने वाले निवेश में किया जा सकता है। इसके साथ ही 2023 तक चालू होने वाली नयी विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने से वैश्विक पूंजी आकर्षित होगी और निवेश के चक्र को गति मिलेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इसके कारण बैंकिंग और एफएमसीजी क्षेत्र में क्रमश: 48.20 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की सालाना सकल वृद्धि दर देखी जा सकती है जो इससे पहले क्रमश: 42.20 प्रतिशत और 12.20 प्रतिशत थी। इनके इतर आईटी और दवा कंपनियों के लिये कोई तेजी नहीं होगी क्योंकि उनकी मौजूदा कर की दर पहले से ही कम है।’’ आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च ने क्षेत्रवार विश्लेषण करते हुए कहा कि वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को कर छूट से फायदा होगा।

उसने कहा, ‘‘वाणिज्यिक वाहनों के विनिर्माताओं को निजी खर्च चक्र शुरू होने से लाभ होगा।’’ पूंजीगत वस्तुओं की श्रेणी की कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 25 से 34 प्रतिशत है। अत: इन्हें भी लाभ होगा। इनके अलावा बिजली कंपनियों, सीमेंट कंपनियों, निर्माण क्षेत्र की कुछ कंपनियों, टिकाउ उपभोक्ता उत्पाद श्रेणी की कंपनियों के साथ ही होटल, लॉजिस्टिक्स और शराब क्षेत्र को भी फायदा होगा। भाषा सुमन महाबीर महाबीर

टॅग्स :निर्मला सीतारमण
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