लाइव न्यूज़ :

आर्सेलर मित्तल को जमा करने पड़ सकते हैं 42,000 करोड़ रुपये, ये है वजह

By भाषा | Updated: April 10, 2019 12:26 IST

आर्सेलर मित्तल से एक हलफनामा भी देने को कहा जिसमें कर्ज में डूबी एस्सार स्टील की समाधान योजना के क्रियान्वयन को लेकर क्या कदम उठाये जाएंगे इस बारे में पूरा ब्योरा दिया होगा।

Open in App

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मंगलवार को कहा कि वह वह दुनिया की दिग्गज इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल को 23 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये 42,000 करोड़ रुपये की बोली राशि को एक अलग खाते में जमा करने का निर्देश दे सकता है। अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि आर्सेलर मित्तल को यह राशि एक अलग खाते में एनसीएलएटी या एनसीएलटी अहमदाबाद पीठ के समक्ष जमा करने को कहा जा सकता है।

पीठ ने आर्सेलर मित्तल से एक हलफनामा भी देने को कहा जिसमें कर्ज में डूबी एस्सार स्टील की समाधान योजना के क्रियान्वयन को लेकर क्या कदम उठाये जाएंगे इस बारे में पूरा ब्योरा दिया होगा। न्यायाधरिकरण ने कहा, ‘‘आर्सेलर मित्तल इंडिया सफल समाधान आवेदकर्ता है। उसे योजना के क्रियान्वयन को लेकर हलफनामा देना होगा।’’ पीठ ने कहा, ‘‘अपीलीय न्यायाधिकरण आर्सेलर मित्तल को अगली सुनवाई में अलग खाते में राशि जमा करने का निर्देश दे सकता है।’’

अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि एनसीएलटी अहमदाबाद द्वारा मंजूर मूल योजना को क्रियान्वित करना होगा। पीठ ने एस्सार स्टील के सभी कर्जदाताओं को अपने-अपने दावों के बारे में अगले सप्ताह चार्ट देने को कहा। इसमें समाधान पेशेवर तथा कर्जदाताओं की समिति द्वारा मंजूरी दावों के बारे में बताने को कहा गया है। इसके अलावा गुजरात राज्य कर विभाग को उसके अपने दावे के बारे में हलफनामा देने को कहा गया है।

एनसीएलएटी में कंपनी के परिचालन कर्जदाताओं, गुजरात राज्य कर विभाग तथा अन्य ने याचिकाएं दायर की हैं। आर्सेलर मित्तल के समाधान प्रस्ताव के तहत वित्तीय कर्जदाताओं के कुल 49,395 करोड़ रुपये के बकाये में से 41,987 करोड़ रुपये तथा परिचालन से जुड़े कर्जदाताओं को 214 करोड़ रुपये देने की बात कही गयी है जबकि उनका बकाया 4,976 करोड़ रुपये है। परिचालन कर्जदाताओं ने इस मामले को अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष रखा है। एस्सार स्टील की गुजरात, हजीरा में एक करोड़ टन क्षमता की इस्पात मिल है। एस्सार स्टील का मामला उन शुरुआती 12 मामलों में है जिसे रिजर्व बैंक ने चुना था।

टॅग्स :बिज़नेस
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारRupee vs Dollar: अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटा; जानें कैसे उठेगा

कारोबारकागज उद्योग को सरकार की सपोर्ट की सख्त जरूरत, आईपीएमए

कारोबारDollar vs Rupee: डॉलर के सामने पस्त हुआ रुपया, 90.02 प्रति डॉलर के साथ सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचा भारतीय रुपया

कारोबारRupee vs Dollar: कमजोर रुपया 32 पैसे टूटकर 89.85 प्रति डॉलर पर पहुंचा, कैसे उठेगा?

कारोबारM-Cap: सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में से 7 को जबरदस्त फायदा, 96,201 करोड़ रुपये बढ़ा मार्केट कैप

कारोबार अधिक खबरें

कारोबार6 दिसंबर से लागू, कर्ज सस्ता, कार और घर खरीदेने वाले को राहत, रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती

कारोबार500 किमी तक की उड़ान के लिए किराया 7,500, 500-1,000 किमी के लिए टिकट की कीमत 12,000 रुपये तय, जानें रेट लिस्ट

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

कारोबारIndiGo Crisis: 1000 से अधिक विमान कैंसिल?, रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, कई स्पेशल ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, जानिए टाइम टेबल

कारोबारईपीसी क्षेत्रः 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरी?, 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि