अमेजन ने दो साल में कानूनी, पेशेवर मामलों में 8,546 करोड़ रुपये खर्च किए

By भाषा | Updated: September 21, 2021 22:34 IST2021-09-21T22:34:29+5:302021-09-21T22:34:29+5:30

Amazon spent Rs 8,546 crore on legal, professional matters in two years | अमेजन ने दो साल में कानूनी, पेशेवर मामलों में 8,546 करोड़ रुपये खर्च किए

अमेजन ने दो साल में कानूनी, पेशेवर मामलों में 8,546 करोड़ रुपये खर्च किए

नयी दिल्ली, 21 सितंबर अमेरिका की ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने 2018-20 के दौरान भारत में अपनी मौजूदगी बनाये रखने के लिए कानूनी गतिविधियों पर 8,546 करोड़ रुपये यानी 1.2 अरब डॉलर खर्च किए हैं।

सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कंपनी द्वारा भारत स्थित उसके कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा कथित रूप से रिश्वत दिए जाने के मामले की जांच किये जाने की रिपोर्टों के बीच यह जानकारी सामने आई है।

हालांकि, कंपनी ने कहा है कि इसमें उसके कानूनी मामलों के साथ साथ पेशेवर मामलों का खर्च भी शामिल है। यह केवल विधि कार्यों से जुड़ा खर्च नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि अमेजन की इकाइयों .... अमेजन रिटेल इंडिया प्राइवेट लि., अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लि., अमेजन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लि., अमेजन होलसेल (इंडिया) प्राइवेट लि. और अमेजन इंटरनेट सर्विसेज प्राइवेट लि.(एडब्ल्यूएस) ने 2018-19 में कानूनी शुल्क के रूप में 3,420 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं 2019-20 में कंपनी ने 5,126 करोड़ रुपये कानूनी मामलों पर खर्च किए।

हालांकि, शुरुआत में अमेजन ने पीटीआई- भाषा द्वारा इस बारे में पूछे गए सवाल पर टिप्पणी से मना कर दिया था लेकिन शाम को अमेजन के प्रवक्ता ने कहा कि कानूनी शुल्क पर जमा कराए गए सांविधिक ब्योरे में एक लाइन के आइटम को गलत तरीके से लिया गया है।

इस पंक्ति वास्तव में कानूनी और पेशेवर खर्च से संबंधित है। इसमें सिर्फ विधि खर्च ही नहीं अन्य पेशेवर सेवाएं मसलन आउटसोर्सिंग, कर सलाहकार, ग्राहक पहुंच, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट सेवा, मर्चेंट को जोड़ने की सेवा और ग्राहक सेवाएं भी आतीं हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि 31 मार्च, 2020 में समाप्त वित्त वर्ष में 1,967 करोड़ रुपये के कुल विधि और पेशेवर खर्च में कानूनी शुल्क सिर्फ 52 करोड़ रुपये था।

अमेजन वर्तमान में फ्यूचर समूह के अधिग्रहण के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई में उलझी है। इसके अलावा वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच का भी सामना कर रही है।

हालांकि, कंपनी ने विधि शुल्क के मुद्दे पर कुछ कहने से इनकार किया। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दावा किया है कि अमेजन राजस्व का 20 प्रतिशत वकीलों पर खर्च कर रही है, जिसपर सवालिया निशान खड़ा होता है।

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘जिस तरीके से अमेजन और उसकी अनुषंगियां विधि पेशेवरों के शुल्क पर खर्च कर रही हैं, उससे पता चलता है कि कंपनी किस तरीके से अपनी वित्तीय ताकत का दुरुपयोग कर भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दे रही है।’’ हालांकि, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।

सोमवार को ‘मॉर्निंग कन्टेक्स्ट’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेजन ने कथित रूप से भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में अपने कुछ विधि प्रतिनिधियों की जांच शुरू की है। समझा जाता है कि इस मामले में एक वरिष्ठ कार्पोरेट वकील को छुट्टी पर भेज दिया गया है। कंपनी का कहना है कि वह अनुचित कार्रवाई के आरोपों को गंभीरता से लेती है और उचित कार्रवाई के लिये उनकी पूरी जांच करती है। हालांकि, उसने आरोपों की न तो पुष्टि की और न हीं उन्हें खारिज किया।

खंडेलवाल ने एक बयान में दावा किया कि अमेजन ने 2018-20 के दौरान कानूनी और पेशेवरों को शुल्क भुगतान के लिए 8,500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की। इन दो साल में कंपनी का कारोबार 45,000 करोड़ रुपये रहा।

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Web Title: Amazon spent Rs 8,546 crore on legal, professional matters in two years

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