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बीते सप्ताह त्योहारी मांग से सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: October 10, 2021 11:55 IST

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नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर देश में तेल-तिलहन का स्टॉक कम होने के साथ त्योहारी मांग के कारण बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली,सोयाबीन, बिनौला और पाम एवं पामोलीन तेल- तिलहन के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि देश में सरसों का बहुत सीमित स्टॉक रह गया है जबकि बरसात के कारण मंडियों में मूंगफली की नयी फसल की आवक शुरू होने में फिलहाल कुछ देर होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि श्राद्ध के बाद त्योहारी मांग बढ़ने के कारण लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशों में सीपीओ और सोयाबीन डीगम के भाव बढ़ा दिये गये। सीपीओ का भाव 1,260 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 1,350 डॉलर प्रति टन कर दिया गया जबकि सोयाबीन डीगम का भाव 1,370 डॉलर से बढ़ाकर 1,450 डॉलर प्रति टन कर दिया गया। इस वृद्धि का सीधा असर स्थानीय कारोबार पर हुआ और लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव मजबूत हो गये।

उन्होंने बताया कि सरसों के बारे में साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि फसल आने के शुरुआती सात महीनों में लगभग 70 लाख टन सरसों की पेराई हो चुकी है तथा मात्र 14-15 लाख टन का स्टॉक किसानों के बचा होने का अनुमान है। सूत्रों ने कहा कि सरसों की किल्लत और इसकी त्योहारी मांग बढ़ने से इसके तेल-तिलहन के भाव में सुधार आया।

इस परिस्थिति के मद्देनजर कुछ सरसों विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को गेहूं की ही तरह सरसों का भी लगभग 5-10 लाख टन का स्थायी स्टॉक रखना चाहिये जो समय पर हमारे काम आ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना इसलिए बेहतर है क्योंकि सरसों 4-5 साल खराब नहीं होती।

उन्होंने कहा कि विदेशों में सोयाबीन के भाव मजबूत होने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन तेल-तिलहनों के भाव भी मजबूत बंद हुए। इसी प्रकार मांग बढ़ने के साथ-साथ सीपीओ का भाव बढ़ने के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के भाव मजबूती का रुख प्रदर्शित करते बंद हुए।

उन्होंने कहा कि बरसात की वजह से मूंगफली की नये फसल के मंडियों में आने में देर हो सकती है और इसकी मांग भी बढ़ी है जिसकी वजह से मूंगफली तेल-तिलहन भाव भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में मजबूत बंद हुए।

उन्होंने कहा कि सीपीओ के आयात का भाव 125 रुपये किलो पड़ता है और सारा खर्च एवं मार्जिन मिलाकर हमारा खरीद भाव 12,500 रुपये क्विंटल बैठता है। वायदा कारोबार में इसका हाजिर भाव है 11,500 रुपये क्विंटल है। वायदा कारोबार में भाव नीचा होने की वजह से आयातकों को अपना माल 12,000 रुपये क्विंटल के भाव बेचना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जो देश खाद्य तेलों की अपनी लगभग 70 प्रतिशत आवश्यकता के लिए आयात पर निर्भर हो वहां ऐसी सट्टेबाजी चल रही हो, वह आश्चर्यजनक है और सरकार को इस बात को गंभीरता से संज्ञान में लेकर निजी स्वार्थी तत्वों पर अंकुश लगाने के बारे में सोचना ही होगा तभी हम तेल-तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ पायेंगे।

सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 120 रुपये का सुधार दर्शाता 8,870-8,895 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,750-8,775 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 40 रुपये बढ़कर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 17,760 रुपये क्विंटल हो गया। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें 15-15 रुपये बढ़कर क्रमश: 2,700-2,750 रुपये और 2,785-2,895 रुपये प्रति टिन हो गईं।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 550 रुपये और 325 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 5,850-6,150 रुपये और 5,625-5,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

मांग बढ़ने से सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 320 रुपये, 410 रुपये और 360 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 14,660 रुपये, 14,360 रुपये और 13,210 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में मांग बढ़ने और बरसात के कारण मंडियों में नयी फसल की आवक कुछ देर से शुरू होने के कारण मूंगफली तेल-तिलहन के भाव में भी सुधार देखने को मिला। मूंगफली का भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में 250 रुपये लाभ के साथ 6,560-6,645 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली गुजरात का भाव 670 रुपये के सुधार के साथ 14,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 75 रुपये का लाभ दर्शाता 2,215-2,345 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 580 रुपये के सुधार के साथ 12,010 रुपये क्विंटल हो गया। जबकि पामोलीन दिल्ली तथा तथा पामोलीन कांडला तेल के भाव क्रमश: 350 रुपये और 280 रुपये का लाभ दर्शाते क्रमश: 13,450 रुपये और 12,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में बिनौला तेल का भाव 125 रुपये सुधरकर 13,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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