न्यूयॉर्क: एयर इंडिया अमेरिकी विमानन निर्माण कंपनी बोइंग के 220 विमान खरीदेगी। इस सौदे पर मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे ऐतिहासिक समझौता बताया है। व्हाइट हाउस द्वारा जारी राष्ट्रपति के बयान में कहा कि उनकी घोषणा अमेरिका-भारत आर्थिक साझेदारी की ताकत को भी दर्शाती है। पीएम मोदी के साथ मिलकर मैं अपनी साझेदारी को और भी गहरा करने की आशा करता हूं क्योंकि हम साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना करना जारी रखते हैं - सभी के लिए एक अधिक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य का निर्माण।
इनमें से 40 बड़े आकार के विमान होंगे। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सौदे को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह भारत और फ्रांस के रिश्तों में आ रही मजबूती को दर्शाता है। एयरलाइन अपने बेड़े और परिचालन का विस्तार करने की तैयारी कर रही है।
17 साल में यह पहला मौका है जबकि एयर इंडिया विमान खरीद के ऑर्डर देने जा रही है। टाटा समूह के स्वामित्व में आने के बाद यह एयर इंडिया का पहला ऑर्डर होगा। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन एयरबस से 40 बड़े आकार के ए350 और 210 छोटे आकार के विमान खरीदेगी।
एक ‘ऑनलाइन’ बैठक में चंद्रशेखरन ने कहा कि इन विमानों की खरीद के लिए एयरबस के साथ आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस बैठक में अन्य लोगों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, टाटा समूह के संरक्षक रतन टाटा, एयर इंडिया के सीईओ विल्सन कैंपबेल और एयरबस के सीईओ जी फाउरी मौजूद थे। बड़े आकार के विमान का इस्तेमाल लंबी दूरी की उड़ानों के लिए किया जाएगा। 16 घंटे से अधिक की उड़ानों को लंबी दूरी की उड़ान कहा जाता है।
टाटा समूह ने पिछले साल जनवरी में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था। इस अधिग्रहण के बाद टाटा समूह इस एयरलाइन को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। एयरलाइन ने आखिरी बार 111 विमानों की खरीद का ऑर्डर 2005 में दिया था। इनमें से 68 विमानों का ऑर्डर बोइंग को और 43 का एयरबस को दिया गया था।
टाटा समूह ने 27 जनवरी को एयर इंडिया के अधिग्रहण के एक साल पूरे किए थे। उस समय एयरलाइन ने कहा था कि वह भविष्य की वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए नए विमानों की खरीद के ऐतिहासिक ऑर्डर को अंतिम रूप दे रही हे। एयरलाइन ने अगले पांच साल में बदलाव के लिए विहान.एआई के तहत रूपरेखा तैयार की है।