कृषि उपकर से आयातित दालों की कीमतों पर प्रभाव नहीं होगा: आईपीजीए

By भाषा | Updated: February 1, 2021 20:57 IST2021-02-01T20:57:02+5:302021-02-01T20:57:02+5:30

Agricultural cess will not affect prices of imported pulses: IPGA | कृषि उपकर से आयातित दालों की कीमतों पर प्रभाव नहीं होगा: आईपीजीए

कृषि उपकर से आयातित दालों की कीमतों पर प्रभाव नहीं होगा: आईपीजीए

नयी दिल्ली, एक फरवरी भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (आईपीजीए) का मानना है कि सरकार के आयातित दलहनों पर 20 से 50 प्रतिशत तक कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर लगाने के फैसले से इन दालों की कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि उपकर में जो वृद्धि हुई है, वह सीमा शुल्क को कम करने से समायोजित (बेअसर) हो जाएगी।

बजट 2021 में सरकार ने मटर, काबुली चना, बंगाल चना और मसूर पर आयात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है।

मौजूदा समय में चना पर आयात शुल्क 60 प्रतिशत, मटर पर 50 प्रतिशत, काबुली चना पर 40 प्रतिशत और मसूर पर 30 प्रतिशत है।

आईपीजीए के उपाध्यक्ष बिमल कोठारी ने कहा, ''यह प्रभाव शून्य होगा। यथास्थिति कायम रखने के कारण हमें कोई समस्या नहीं है। दाल की चार किस्मों पर जो उपकर लगाया गया है, उसके साथ ही आयात शुल्क घटाकर एकसमान 10 प्रतिशत करने से स्थिति सामान्य बनी रहेगी।’’

संघ चाहता है कि सरकार सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए दाल के आयात शुल्क को इस तरह तय करे कि इन दालों की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक रहे।

सरकार ने मसूर दाल पर 20 प्रतिशत, काबुली चना पर 30 प्रतिशत, मटर पर 40 प्रतिशत और बंगाल चना एवं मटर पर 50 प्रतिशत कृषि अवसंरचना और विकास उपकर वृद्धि का प्रस्ताव रखा है।

कोठारी ने कहा कि घरेलू उत्पादन बढ़ने के कारण देश का दलहन आयात वर्ष 2016-17 के 60 लाख टन के स्तर से पिछले तीन वर्षों में निरंतर घट रहा है।

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