सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ निगरानी के नोटिस (एलओसी) जारी करने का सीधे अनुरोध करने का अधिकार दिया है जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहे हैं और जिनके देश से भागने की आशंका है. विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों के देश से भागने के मामलों को देखते हुए इस कमद को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
यह अनुरोध गृह मंत्रालय, पुलिस, सीबीआई, सीमा शुल्क विभाग, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, आयकर विभाग जैसी एजेंसियों से किया जाता है. गृह मंत्रालय ने किसी संदिग्ध व्यक्ति के देश से भागने के शक की स्थिति में गंभीर कपट जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को भी एलओसी का निवेदन करने का अधिकार दे दिया है.
मंत्रालय ने हाल ही में दो परिपत्र जारी कर सरकारी बैंकों के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा एसएफआईओ को जानबूझकर कर्ज भुगतान में चूक करने वाले किसी भी व्यक्ति के देश से भागने का शक होने की स्थिति में एलओसी का निवेदन करने का अधिकार दे दिया है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी बैंकों के सीएमडी और सीईओ अब यह अधिकार मिलने के बाद गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सीमा शुल्क विभाग, आयकर विभाग, राजस्व सतर्कता निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों तथा पुलिस से किसी व्यक्ति के खिलाफ एलओसी जारी करने अनुरोध कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि यदि सरकारी बैंक यया एसएफआईओ को ऐसा शक हो कि कर्ज में चूक करने वाला व्यक्ति देश छोड़कर भाग सकता है तो वे इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पहले ऐसा करने का अधिकार सिर्फ जांच एजेंसियों के पास था.