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अमेजन-पे के जरिये 50 लाख कारोबारियों को पंजीकृत किया, छोटे, मझौले कारोबारियों पर ध्यान: अमेजन

By भाषा | Updated: April 17, 2021 18:26 IST

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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल आनलाइन मंच के जरिये उत्पादों की बिक्री सुविधा देने वाली कंपनी अमेजन ने शनिवार को कहा कि उसने अमेजन-पे के जरिये 50 लाख कारोबारियों का पंजीकरण किया। कंपनी ने कहा कि वह भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमबी) की मदद पर उसका ध्यान दे रही है।

अमेजन-पे कंपनी की भुगतान प्रणाली कंपनी है। कंपनी ने कहा है कि इन पंजीकृत व्यवसायियों में से बहुत से पहले केवल नकद भुगतान ही स्वीकार किया करते थे लेकिन अब वे अमेजन- पे के क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हुये ग्राहकों से भुगतान स्वीकार कर रहे हैं।

अमेजन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रुसेल ग्रांडिनेत्ती ने ‘अमेजन संभव’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘2019 के बाद से अमेजन-पे के जरिये हमने 50 लाख व्यवसायियों को पंजीकृत किया है और चार करोड़ ग्राहकों ने हमारी इस सेवा के जरिये यूपीआई का इस्तेमाल किया है। इस समूचे परिवेश में हम अकेले नहीं हैं, अमेजन की तरह और भी कंपनियां और हमारे प्रतिस्पर्धी सभी यदि मदद करेंगे तो यह चक्र और भी तेजी से घूमेगा।’’

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सरकारें और संगठन न केवल भारत के आधार, इंडिया स्टेक और यूपीआई को लेकर उत्साहित हैं बल्कि वह अपने देश में भी इस तरह की व्यवस्था को शुरू करने को लेकर काम कर रहे हैं।

ग्रांडीनेती ने भारत में आधार, ई-केवाईसी और यूपीआई का जिक्र करते हुये कहा कि प्रणालियों के आधार पर व्यक्तिगत विक्रेताओं को देशभर में ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिली है। इनके जरिये राज्य की सीमाओं पर आर्डर पहुंचाने में भी आसानी हुई है।

अमेजन-पे इंउिया के सीईओ महेनद्र नेरुरकर ने इस मौके पर कहा कि 50 लाख छोटे व्यवसायियों और उद्यमियों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने योग्य बनाकर कंपनी इन सभी का डिजिटल भारत में समावेष किये जाने की उम्मीद कर रही है।

देश में अमेजन-पे को इस्तेमाल करने वाले 50 लाख छोटे और मझौले व्यवसायियों में से 25 लाख से अधिक खुदरा और किराना स्टोर जेसी दुकानों को चलाते हैं। करीब 10 लाख खाने- पीने के छोटे रेस्त्रां और स्टॉल चलाते हैं। पांच लाख से अधिक सैलून सेवायें, चार लाख के करीब स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल सेवायें उपलब्ध कराते हैं। शेष कुछ टैक्सी चालक, आटो चालक, प्लंबर और अन्य प्रकार की सेवायें देते हैं।

इन्फोसिस के सह- संस्थापक नंदन नीलेकणि ने इस अवसर पर कहा कि छोटे मोटे कारोबार ही भारत का भविष्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मजबूती के साथ यह मानना है कि वह आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के इंजन हैं। मेरा यह भी मानना है कि उनका बहुत बेहतर भविष्य है .. वह डिजिटल मामले में और अधिक जानकार भी बन रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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