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50 लाख रु. मासिक से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक प्रतिशत जीएसटी नकद भरना होगा

By भाषा | Updated: December 23, 2020 22:45 IST

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नयी दिल्ली, 23 दिसंबर वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 50 लाख रुपये से अधिक के मासिक कारोबार वाली इकाइयों को अनिवार्य रूप से कम से कम एक प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देनदारी का भुगतान नकद में करना होगा। यह कदम जाली बिल (इन्वॉयस) के जरिये कर चोरी रोकने के लिए उठाया गया है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी कर नियमों में कुछ बदलावों को अधिसूचित किया है। इन बदलावों के तहत जीएसटी पंजीकरण लेने तथा इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के जरिये कर देनदारी के निपटान की शर्तों को कड़ा किया गया है।

सीबीआईसी ने जीएसटी नियमों में नियम 86 बी पेश किया है, जो एक जनवरी, 2021 से लागू होगा। यह नियम जीएसटी देनदारी निपटाने के लिए इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) के अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल की अनुमति देता है।

सीबीआईसी ने बुधवार कहा, ‘‘किसी महीने में करयोग्य आपूर्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक होने पर कोई भी पंजीकृत व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में उपलब्ध राशि का इस्तेमाल 99 प्रतिशत से अधिक कर देनदारी को निपटाने के लिए नहीं कर सकता।’’

कारोबार की सीमा की गणना करते समय जीएसटी छूट वाले उत्पादों या शून्य दरों वाली आपूर्ति को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।

हालांकि, कंपनी के प्रबंध निदेशक या किसी भागीदार ने यदि एक लाख रुपये से अधिक का आयकर दिया है अथवा पंजीकृत व्यक्ति को इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान इस्तेमाल न हुए इनपुट कर क्रेडिट पर एक लाख रुपये से अधिक का रिफंड मिला है, तो यह अंकुश लागू नहीं होगा।

इसके अलावा सीबीआईसी ने जीएसटी नियमों में संशोधन के जरिये उन कंपनियों, जिन्होंने जीएसटीआर 3बी दाखिल कर पूर्व की अवधि का कर नहीं चुकाया है, के लिए जीएसटीआर-1 में बाहरी आपूर्ति का ब्योरा दाखिल करने पर अंकुश लगा दिया है।

अभी तक जीएसटीआर 3बी दाखिल नहीं करने पर ई-वे बिल को रोक दिया जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं करने पर जीएसटीआर-1 को भी ‘रोक’ दिया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘जीएसटी के जाली बिलों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने जीएसटी परिषद की विधि समिति की सिफारिशों के आधार पर यह अधिसूचना जारी की है। इसके जरिये गलत तरीके से आईटीसी लेने वालों पर रोक लगाई जा सकेगी।’’

सीबीआईसी ने कहा कि उसने अभी तक इनपुट कर क्रेडिट धोखाधड़ी के 12,000 मामले दर्ज कर 365 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले छह सप्ताह में ही ऐसे 165 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि सरकार ने 50 लाख रुपये मासिक से अधिक के करयोग्य कारोबार पर इनपुट कर क्रेडिट के जरिये कर देनदारी के भुगतान को 99 प्रतिशत तक सीमित किया है।

जैन ने कहा, ‘‘इस कदम का मकसद कंपनियों को जाली बिलों के जरिये आईटीसी का दुरुपयोग करने से रोकना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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