‘कर्मचारी भविष्य निधि में ढ़ाई लाख की जगह 5लाख रु. तक के योगदान पर ब्याज रहेगा कर-मुक्त’

By भाषा | Updated: March 23, 2021 21:27 IST2021-03-23T21:27:28+5:302021-03-23T21:27:28+5:30

5 lakhs instead of two and a half lakhs in the Employees Provident Fund. Interest will be tax-free on contributions up to Rs. | ‘कर्मचारी भविष्य निधि में ढ़ाई लाख की जगह 5लाख रु. तक के योगदान पर ब्याज रहेगा कर-मुक्त’

‘कर्मचारी भविष्य निधि में ढ़ाई लाख की जगह 5लाख रु. तक के योगदान पर ब्याज रहेगा कर-मुक्त’

नयी दिल्ली, 23 मार्च भविष्य निधि कोष (पीएफ) में कर्मचारी के सालाना पांच लाख रुपये तक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर नहीं लगेगा। सरकार ने भविष्य निधि पर ब्याज कर मुक्त रखने के संबंध में अधिकतम वार्षिक योगदान की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है।

यह सीमा उन्हीं मामलों में लागू होगी जहां नियोक्ता की ओर से कोष में योगदान नहीं होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2021 को संसद में पेश 2021- 22 के बजट में घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले नये वित्त वर्ष में कर्मचारियों के पीएफ में सालाना ढाई लाख रुपये से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगाया जायेगा। इसके लिए गणना में नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले अंशदान को शामिल नहीं किया गया था।

सीतारमण ने वित्त विधेयक 2021 में लोकसभा में हुई चर्चा का उत्तर देते हुये मंगलवार को पीएफ में होने वाली जमा की कर मुक्त ब्याज की वार्षिक सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह बढ़ी सीमा उन्हीं मामलों में लागू होगी जहां नियोक्ता की ओर से इस कोष में योगदान नहीं हो।

सीतारमण के जवाब के बाद सदन ने वित्त विधेयक 2021 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

वित्त विधेयक के संसद से पारित होने पर 2021-22 के लिये किये गये कर प्रावधानों को मंजूरी मिल जाती है। विधेयक को उसमें प्रस्तावित विधानों के लिये 127 संशोधनों को स्वीकार करने के बाद पारित किया गया।

वित्त मंत्री ने कहा कि भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज पर लगाये गये कर प्रस्ताव से केवल एक प्रतिशत भविष्य निधि खाताधारकों पर ही असर पड़ेगा। अन्य खाताधारकों पर इस कर प्रस्ताव का कोई असर नहीं होगा क्योंकि उनका सालाना पीएफ योगदान ढाई लाख रुपये से कम है।

सदस्यों द्वारा पेट्रोल, डीजल पर ऊंची कर दरों के बारे में उठाये गये मुद्दे पर सीतारमण ने कहा कि वह पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में चर्चा करना पसंद करेगी।

उन्होंने सदस्यों को याद दिलाया कि केवल केन्द्र सरकार ही वाहनों के ईंधनों पर कर नहीं लगाती है। राज्य सरकारें भी पेट्रोल, डीजल पर वैट लगाती हैं।

वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर देते हुये यह भी कहा कि घरेलू कारोबारियों खासतौर से एमएसएमई रेणी के उद्यमों की सुविधा के लिये सीमा शुल्क ढांचे को तर्क संगत बनाया जायेगा। करों के मामले में उनहोंने कहा कि कर आधार को व्यापक बनाया जायेगा। समानीकरण शुल्क के बारे में सीतारमण ने कहा कि इससे घरेलू व्यवसायों जो भारत में कर का भुगतान करते हैं उनके लिये परिस्थितियां समान बनेंगी।

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Web Title: 5 lakhs instead of two and a half lakhs in the Employees Provident Fund. Interest will be tax-free on contributions up to Rs.

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