विश्वरूप II Movie Review: थके हुए कमल हासन की थकी हुई फिल्म, एक स्टार

By खबरीलाल जनार्दन | Published: August 10, 2018 07:49 AM2018-08-10T07:49:12+5:302018-08-10T07:56:13+5:30

Vishwaroopam 2 Movie Review: विश्वरूप II में 95 फीसदी दृश्यों में कमल हासन खुद दिखाई पड़ते हैं। और हर दृश्य में वह थके हुए मालूम पड़ते हैं।

Vishwaroopam 2 Movie Review in Hindi Starring Kamal Haasan: A Flop Show | विश्वरूप II Movie Review: थके हुए कमल हासन की थकी हुई फिल्म, एक स्टार

Vishwaroopam 2 Movie Review in Hindi| विश्वरूप 2 मूवी रिव्यू: विश्वरूप II में कमल हासन ने इसी लुक में पूरी फिल्म की है।

विश्वरूप II *
रेटिंगः एक स्टार
कलाकारः कमल हासन, शेखर कपूर, राहुल बोस, जयदीप अहलावत, वहीदा रहमान, नसर, पूजा कुमार, आंद्रे जेरेमिया, अनंत नारायण महादेवन
लेखक-निर्देशकः कमल हासन (हिन्दी डायलॉग- अतुल तिवारी)
निर्माताः कमल हासन
डिस्ट्रीब्यूटर: रोहित शेट्टी फिल्म्स व रिलायंस एंटरटेनमेंट
संगीतः घ‌िबरान

विश्वरूप II सभी सिनेमाई कोणों से कमजोर फिल्म है। ना फिल्म में सस्पेंस है ना ‌‌थ्रिल। जबकि फिल्म भारतीय खुफिया एंजेंसी रॉ और उसके सबसे काबिल अफसर के बारे में है। चूंकि फिल्म का लेखन, निर्देशन और मुख्य किरदार सब कमल हासन का है, इसलिए एक खराब फिल्म बनाने का ठिकारा उन्हीं पर फोड़ना होगा। साल 2013 में आई विश्वरूप की कमायाबी को भुनाने के लिए खुद के पैसे लगाकर और हिन्दी का डिस्ट्रीब्यूशन रोहित शेट्टी-रिलायंस एंटरटेनमेंट को सौंप कर कमल हासन ने खालिस बॉलीवुडी फिल्म बनाई है। जबकि बनाने की मंशा कोई मनोरंजक जासूसी फिल्म की थी।

विश्वरूप सिरीज की दोनों फिल्मों के टूल्स को देखेंगे तो पाएंगे दो खूबसूरत हसीनाएं, रॉ का एक बूढ़ा पर चुस्त ऑफिसर, फटाफट एक देश से दूसरे देश घूमने वाला ऐजेंट, एक सिरफिरे विलेन से पूरे विश्व को खतरा। ये सारे टूल्स हॉलीवुड की मशहूर जासूसी फिल्म सिरीज जेम्स बॉण्‍ड, मिशन इंपॉसिबल के से मालूम होते हैं। लेकिन हॉलीवुड में इन्‍हें पर्दे पर उतारने के लिए ऐसी तकनीक और इतना पैसा है लगाया जाता है जो भारत के 100 करोड़ रुपयों बनाने की कोशिश की जाए तो विश्वरूप II बनकर तैयार होती है, जो दर्शकों को ऊबाने के सिवा कुछ नहीं करती। मनोरंजन तो बिल्कुल भी नहीं करती।

फिल्म में दो-तीन क्लीशे सामाजिक मुद्दों को भुनाने की कोशिश की गई है। पहला राजनीति और राजनेताओं का आतंकवाद से कनेक्‍शन, दूसरा मुसलमानों होने की वजह से 'कुछ लोगों' के पूर्वाग्रह। पर फिल्म बस इन मुद्दों को छूकर निकलती है। इसके अलावा रोमांस, कॉमेडी का छिटफुट प्रयोग हुआ है, लेकिन कमल हासन जैसे मझे कलाकार के नेतृत्व में भी इन कलाओं के साथ न्याय नहीं हो पाया है। फिल्म का पहला‌ हिस्सा इतना स्लो है कि मनोरंजक फिल्म की उम्मीद करने वाले दर्शक इंटरवल में ही फिल्म छोड़ आएंगे। लेकिन यह फायदे का सौदा नहीं है। क्योंकि फिल्म दूसरे भाग में थोड़ी तेज होती है। राहुल बोस और जयदीप अहलावत फिल्म में थोड़ी जान डालते हैं।

विश्वरूप 2 की कहानी

विश्वरूप 2 पांच साल पहले आई विश्वरूप को याद दिलाते शुरू होती है। आतंकी ओमार (राहुल बोस) और सलीम (प्रदीप अहलावत) आजाद हैं। बार-बार मौत को धोखा देकर बच जाने वाला रॉ एजेंट विजाम अहमद कश्मीरी (कमल हासन) डॉ. निरूपमा (पूजा कुमार) शादी कर चुका है। हालांकि उसकी पार्टनर अस्‍मिता (आंद्रे जेरेमिया) को मलाल है कि उसकी शादी विजाम अहमद कश्मीरी से क्यों नहीं हुई। लेकिन उसका फोकस अपने काम पर है। रॉ की पूरी टीम यूके में एक बड़े आतंकी हमले की आशंका पर पहुंची है, जिसके तार सीधे विजाम अहमद कश्मीरी और प‌िछली फिल्म से जुड़े हैं। रॉ की टीम ‌को यहां एक भारतीय नेता राजेश मेहता (अनंत नारायण महादेवन) सपोर्ट करता है। लेकिन ओमार के इशारे पर विजाम अहमद कश्मीरी को मारने की कोशिश करता है और भेद खुलने पर खुद को उड़ा लेता है और रॉ एजेंट लंदन शहर पर आने वाली एक बड़ी तबाही को रोक लेता है।

फिल्म के दूसरे भाग में रॉ टीम दिल्ली पहुंच चुकी है। ओमार और सलीम भी दिल्ली आ गए हैं। वे दोहरा बदला लेने की तैयारी में हैं। पहला भारत से दूसरा विजाम अहमद कश्मीरी से। इसीलिए वे विजाम अहमद कश्मीरी की निरुपमा, मां (वहीदा रहमान) और अस्‍मिता को किडनैप करते हैं ओर बहुत ही बुरी तरह से अस्‍मिता का कत्ल कर देते हैं। देश और परिवार के बीच में फंसे विजाम अहमद कश्मीरी के गले में ओमार 40 सेकेंड का टाइम बम लगाकर आजादी के 64 सालों के जश्न में भारत के 64 जगहों पर लगाए बम को उड़ाने निकल जाता है और 40 सेकेंड के बाद दिल्ली के हजारों लोगों से भरे लोगों के बीच फट जाता है। इसके बाद फिल्म का सबसे धमाकेदार सीन आता है। लेकिन इसके आगे कहानी और इस सीन को देखने के लिए आपको फिल्‍म देखनी होगी। 

विश्वरूप II में अभिनय

कमल हासनः सबसे शातिर रॉ एजेंट के तौर पर कमल हासन ‌थके-‌थके नजर आते हैं। 2:25 घंटे की फिल्म के 95 फीसदी दृश्यों में कमल हासन दिखाई देते हैं। लेकिन किसी दृश्य में कोई गहरा प्रभाव नहीं छोड़ते। मारधाड़, रोमांस, इमोशनल सभी दृश्यों में थकते नजर आते हैं। एक दृश्य में उनके पास मौका था कि वे कत्‍थक करें। लेकिन वहां फ्लैश बैक से एक बच्चे को डांस करते दिखाने खलता है। शायद बीते पांच सालों ने कमल हासन को कला से दूर कर दिया है। इसके दूसरे कारण सर्वविदित हैं।

शेखर कपूरः शेखर हॉलीवुड फिल्में तक डायरेक्‍ट कर चुके हैं। एक रॉ टीम के चीफ की भूमिका को वह बखूबी समझते हैं। लेकिन लेखक-निर्देशक कमल हासन ने उनके हिस्से नपे-तुले दृश्य और डायलॉग दिए हैं, जिनको बेहद आम तरीके से निभाना है, शेखर ने यही किया है।

राहुल बोसः राहुल बोस के अभिनय में उनकी सबसे बड़ी दुश्मन उनकी पतली आवाज है। विश्वरूप II में उन्हें इससे उबारने की कोशिश की गई है। बम धमाके शिकार राहुल फिल्म में कुरूप और भयावह हो गए हैं। उन्होंने अपने इस किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। राहुल इस फिल्म सबसे ज्यादा असर छोड़ते हैं।

जयदीप अहलावतः जयदीप शानदार अभिनेता हैं। विश्वरूप II में उनके हिस्से आए चार-पांच दृश्यों में वह अपना काम कर जाते हैं। वह दूसरे सभी कलाकारों पर अभिनय के मामले में भारी पड़ते हैं। जिस तरह से अस्‍मिता का हाथ तोड़ते हैं, उससे मन घृणा का भाव जागता है।

आंद्रे जेरेमिया: रॉ ऐजेंट की पॉर्टनर और सेना में रह चुकी युवती, जो अपने मूल मिजाज में चुलबुली है, का किरदार ने बढ़िया ढंग से निभाया है। हालांकि उनका किरदार और अभिनय फिल्म को कोई फायदा नहीं पहुंचाता है। वह फिलर मालूम होती हैं। 

कमल हासन की पत्नी के किरदार में पूजा कुमार ने पूरा जोर लगाया है कि वह अभिनय करती दिखाई दें, लेकिन वह कर नहीं पातीं। वहीदा रहमान, नसर, अनंत नारायण महादेवन को केवल फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए रखा गया है। उनके हिस्से ऐसे दृश्य बहुत कम हैं, जिनमें वे अपना अभिनय प्रदर्शन दिखा पाएं।

विश्वरूप II में संगीत

फिल्म में तीन गाने हैं। तीनों के संगीत कर्णप्र‌िय हैं। अनायास वाद्ययंत्र नहीं बजाए गए हैं। घ्र‌िबान ने संगीत तैयार किया है। लेकिन सिनेमाघर के बाहर आने के बाद भी याद रह जाएं या बाद में भी गुन-गुनाए जाएं, ऐसे भी नहीं। विश्वरूप में शंकर-एहसान-लॉय ने संगीत दिया था। हिन्दी के गानों के लिरिक्स जावेद अख्तर ने अनुवाद किए थे। इस बार वैसा प्रभाव नहीं दिखता।

Final Comment: विश्वरूप II ऐसी फिल्म नहीं है, जिसे ना देखने का मलाल रहे। अगर इसके प्रमोशन और ट्रेलर के मोहपाश में आप फंस रहे हों, तो बचिए। फिर अगर आपके वक्त और पैसे दोनों हैं, तो एक बार देखने में बुराई नहीं है, लेकिन ऊबने की जिम्मेदारी आपकी होगी।

English summary :
Vishwaroopam 2 Movie Review in Hindi: Read the Movie Review of Movie Vishwaroopam 2 Starring superstar Kamal Haasan. Vishwaroopam 2 fails to thrill, excite or even leave the audience curious.


Web Title: Vishwaroopam 2 Movie Review in Hindi Starring Kamal Haasan: A Flop Show

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