CJI दीपक मिश्रा की पीठ ने खारिज की पद्मावत का सीन डिलीट करने की याचिका

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 23, 2018 01:41 PM2018-04-23T13:41:10+5:302018-04-23T13:41:10+5:30

दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर की फिल्म पद्मावत जनवरी 2018 में पूरे देश में रिलीज हुई थी। फिल्म ने करीब 215 करोड़ रुपये की कमायी की थी।

Supreme Court dismissed the plea of Swami Agnivesh seeking deletion of scenes from the Padmaavat | CJI दीपक मिश्रा की पीठ ने खारिज की पद्मावत का सीन डिलीट करने की याचिका

padmaavat poster

उच्चतम न्यायालय ने फिल्म पद्मावत से कुछ दृश्य हटाने का अनुरोध करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की याचिका सोमवार (23 अप्रैल) को खारिज कर दी। अग्निवेश का तर्क था कि फिल्म में ‘ जौहर ’ का महिमामंडन किया गया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई. चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय पीठ ने यह याचिका खारिज की। निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत विवादों के बीच जनवरी 2018 में रिलीज हुई थी।  फिल्म ने करीब 215 करोड़ रुपये की कमायी की थी।

याचिका में स्वामी अग्निवेश ने सामाजिक कुरीति जौहर (सती प्रथा) का महिमामंडन करने के कारण फिल्म निर्माता और निर्देशके के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था।पीठ ने कहा, ‘‘एक बार जब फिल्म को केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने मंजूरी दे दी तो फिर इससे दृश्य हटाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।’’ इससे पहले भी शीर्ष अदालत ‘पद्मावत’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिये तरह तरह के आधारों पर याचिका दायर करने वालों को कड़ी फटकार लगा चुका है। 

फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में थे। फिल्म दिल्ली के सुल्तान अल्लाउद्दीन खिलजी द्वारा मेवाड़ की रानी पद्मावती को हासिल करने के लिए राजा रतन सिंह पर हमला करने की कहानी दिखाती है। पद्मावत मलिक मोहम्मद जायसी के मध्यकालीन महाकाव्य "पद्मावत" पर आधारित थी। फिल्म पहले "पद्मावती" नाम से रिलीज होने वाली थी लेकिन केंद्रीय फिल्म प्रमाणन  बोर्ड (सीबीएफसी) के सुझाव के बाद इसका नाम पद्मावत किया गया था। सेंसर बोर्ड के सुझाव पर निर्माताओं ने फिल्म में दीपिका पर फिल्माए गए झूमर नृत्य के दौरान दिख रही उनकी कमर को ढंकवाया था।

फिल्म को लेकर कुछ राजपूत संगठनों ने काफी हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। राजपूत संगठनों का आरोप था कि फिल्म में रानी पद्मावती और राजपूत समाज का अपमान किया गया था। हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत कई बीजेपी शासित राज्यों ने फिल्म के रिलीज पर रोक लगा दी थी जिसके खिलाफ संजय लीला भंसाली सुप्रीम कोर्ट गये थे। सर्वोच्च अदालत ने फिल्म निर्माताओं को राहत देते हुए आदेश दिया था कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन  बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा प्रमाणपत्र मिल जाने के बाद फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाना उचित नहीं। राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि फिल्म के रिलीज होने से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। सर्वोच्च अदालत ने राज्यों को निर्देश दिया था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य का काम है, इसके लिए फिल्म पर रोक नहीं लगाया जा सकता। 

Web Title: Supreme Court dismissed the plea of Swami Agnivesh seeking deletion of scenes from the Padmaavat

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