फिल्म ‘सागवान’ जल्द होगी रिलीज?, जब डर, आस्था और सच टकराते हैं तो बनती है अंधविश्वास की परछाईं?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 28, 2025 17:27 IST2025-12-28T17:26:27+5:302025-12-28T17:27:48+5:30

‘सागवान’ किसी एक घटना की नकल नहीं है, बल्कि उन तमाम सच्चाइयों से प्रेरित है, जो अक्सर समाज के कोनों में दब जाती हैं।

film Sagwaan When fear, faith truth collide story woven under shadow  superstition created released soon Himanshu Singh Rajawat Milind Gunaji Ehsan Khan | फिल्म ‘सागवान’ जल्द होगी रिलीज?, जब डर, आस्था और सच टकराते हैं तो बनती है अंधविश्वास की परछाईं?

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Highlightsकहानी हालातों को दिखाती है, जहाँ इंसान डर और अंधविश्वास में फंसकर सही-गलत का फर्क भूल जाता है।व्यक्ति, धर्म या समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि यह सवाल उठाना है। क्या हम आज भी अंधविश्वास के साए में जी रहे हैं?

उदयपुरः कुछ कहानियाँ किताबों में नहीं मिलतीं… कुछ फाइलों में दबी रह जाती हैं… और कुछ ऐसी होती हैं, जो समाज के डर, आस्था और सच्चाई के टकराव से जन्म लेती हैं। ऐसी ही एक कहानी अब बड़े पर्दे पर आने जा रही है, फिल्म ‘सागवान’, जो अंधविश्वास, डर और इंसानी सोच की गहराइयों को दिखाने वाली है। एक फिल्म, जो सच से प्रेरित है लेकिन किसी एक घटना पर नहीं। ‘सागवान’ किसी एक घटना की नकल नहीं है, बल्कि उन तमाम सच्चाइयों से प्रेरित है, जो अक्सर समाज के कोनों में दब जाती हैं।

कहानी हालातों को दिखाती है, जहाँ इंसान डर और अंधविश्वास में फंसकर सही-गलत का फर्क भूल जाता है। फिल्म का मकसद किसी व्यक्ति, धर्म या समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि यह सवाल उठाना है। क्या हम आज भी अंधविश्वास के साए में जी रहे हैं?

रियल लाइफ अनुभव से निकली रील लाइफ कहानी

फिल्म के मुख्य किरदार में नजर आ रहे हैं पुलिस अधिकारी हिमांशु सिंह राजावत, जिन्होंने न सिर्फ अभिनय किया है बल्कि फिल्म की कहानी, संवाद और निर्देशन की जिम्मेदारी भी संभाली है।

हिमांशु सिंह राजावत के मुताबिक, “यह कहानी किसी एक केस की नहीं, बल्कि उन अनुभवों का निचोड़ है, जो एक पुलिस अफसर अपने पूरे करियर में देखता है।” यही वजह है कि फिल्म हर सीन में सच्चाई का एहसास कराती है।

अंधविश्वास बनाम इंसानियत

‘सागवान’ दिखाती है कि कैसे डर, तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास इंसान को अंधा बना सकते हैं। कई बार लोग सच को जानने के बजाय डर के पीछे भागने लगते हैं, और वहीं से शुरू होती है तबाही।

फिल्म सवाल पूछती है

क्या आस्था के नाम पर इंसानियत कुर्बान की जा सकती है? और क्या कानून समय पर पहुंचे तो हालात बदले जा सकते हैं?

मजबूत कलाकार, असरदार कहानी

फिल्म में हिमांशु सिंह राजावत के साथ नजर आएंगे।

सयाजी शिंदे, एहसान खान, मिलिंद गुणाजी और रश्मि मिश्रा

हर कलाकार ने अपने किरदार को बेहद सच्चाई और संवेदनशीलता के साथ निभाया है, जिससे कहानी और गहरी हो जाती है।

राजस्थान की मिट्टी से जुड़ी कहानी

फिल्म की शूटिंग राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में हुई है।

यहाँ की मिट्टी, बोली और माहौल फिल्म को ज़मीनी बनाते हैं।

फिल्म के निर्माता प्रकाश मेनारिया और सह-निर्माता अर्जुन पालीवाल बताते हैं कि

‘सागवान’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर करने वाली कोशिश है।

जल्द होगी रिलीज़

फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल चुका है और यह जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है।

एक सोच, एक सवाल, एक कहानी…

‘सागवान’ सिर्फ देखने की फिल्म नहीं है,

यह महसूस करने की कहानी है —

जहाँ डर, आस्था और सच आमने-सामने खड़े हो जाते हैं।

Web Title: film Sagwaan When fear, faith truth collide story woven under shadow  superstition created released soon Himanshu Singh Rajawat Milind Gunaji Ehsan Khan

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