Anushka Sharma: कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा को झटका, बंबई उच्च न्यायालय ने राहत देने से किया इनकार, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 30, 2023 15:38 IST2023-03-30T15:36:54+5:302023-03-30T15:38:17+5:30
Anushka Sharma: न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने कहा कि अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के पास महाराष्ट्र मूल्य वर्धित कर (एमवीएटी) कानून के प्रावधानों के तहत आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने का वैकल्पिक उपाय है।

विभाग द्वारा लगाए गए कर का 10 प्रतिशत हिस्सा जमा करना होगा।
Anushka Sharma: बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को राहत देने से इनकार करते हुए बृहस्पतिवार को उनकी याचिकाओं का निपटारा कर दिया। अभिनेत्री ने राज्य बिक्री कर विभाग द्वारा पारित उन आदेशों को चुनौती दी थी जिनमें महाराष्ट्र मूल्य वर्धित कर कानून के तहत आकलन वर्ष 2012 से 2016 के लिए उनसे कर की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने कहा कि शर्मा के पास महाराष्ट्र मूल्य वर्धित कर (एमवीएटी) कानून के प्रावधानों के तहत आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने का वैकल्पिक उपाय है।
अभिनेत्री ने कानून के तहत आकलन वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 और 2015-16 के लिए कर लगाने के बिक्री कर विभाग के चार आदेशों को चुनौती देते हुए चार याचिकाएं दायर की थीं। अदालत ने कहा, ''जब याचिकाकर्ता (शर्मा) के पास कानून के तहत अपील का विकल्प उपलब्ध है तो हमें याचिकाओं पर विचार क्यों करना चाहिए? वैधानिक प्रावधान उपलब्ध हैं।’’
अदालत ने शर्मा की याचिकाओं का निपटारा करते हुए उन्हें चार सप्ताह के अंदर बिक्री कर उपायुक्त (अपील) के समक्ष अपील दायर करने का निर्देश दिया। इस कानून के तहत, अगर कोई अपील दायर करता है, तो उसे विभाग द्वारा लगाए गए कर का 10 प्रतिशत हिस्सा जमा करना होगा।
बिक्री कर विभाग के अनुसार, शर्मा पुरस्कार समारोहों या स्टेज कार्यक्रमों में अपने प्रदर्शन को लेकर "कॉपीराइट की पहली मालिक" थीं और इसलिए, वह प्राप्त आय पर बिक्री कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। बिक्री कर विभाग की दलील थी कि उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों के आयोजकों को एक शुल्क के लिए कॉपीराइट "स्थानांतरित" किया, यह बिक्री के समान है।
शर्मा की दलील है कि कोई अभिनेता जो किसी फिल्म, विज्ञापन या टीवी शो में अभिनय करता है, उसे निर्माता नहीं कहा जा सकता है और इसलिए वह उस पर कॉपीराइट का मालिक नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा कि शर्मा द्वारा अपनी याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों पर अपीलीय प्राधिकारी द्वारा फैसला किया जा सकता है।