‘वार’ पर बोले डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद- हिंदी सिनेमा में एक्शन और स्टंट स्तर ऊंचा हुआ...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 2, 2021 19:36 IST2021-10-02T19:34:03+5:302021-10-02T19:36:01+5:30

डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद ने कहा कि मैं सब्जेक्ट और कहानियां चुनता हूं। मैं कहानियां लिखता हूं, मैं ऐसी कहानियों की तलाश में रहता हूं, जिनमें एक्शन समाहित हो सके, जो जॉनर को नई परिभाषा दे सकें।

action film 'War' 2nd anniversary Director Siddharth Anand Raising level of action and stunts Hindi cinema | ‘वार’ पर बोले डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद- हिंदी सिनेमा में एक्शन और स्टंट स्तर ऊंचा हुआ...

ऋतिक वर्सेस टाइगर यकीनन एक कास्टिंग कूप था, लेकिन ‘वार’ के आल-टाइम ब्लॉकबस्टर बनने के पीछे यही एकमात्र फैक्टर नहीं था।

Highlightsटाइगर श्रॉफ के खिलाफ ऋतिक रोशन को खड़ा करके इस फिल्म ने एक तरह से कास्टिंग का तख्तापलट ही कर दिया था! ‘बैंग बैंग’ के 7 साल बाद ‘वार’ जैसी बेंचमार्क एक्शन फिल्में बनाने का मेरा प्रयास रहा है।सिद्धार्थ खुलासा करते हैं कि आदित्य चोपड़ा और वह खुद भी ‘वार’ को इतने विशाल और अभूतपूर्व पैमाने पर क्यों बनाना चाहते थे।

मुंबईः दो साल पहले ‘वार’ के आल-टाइम ब्लॉकबस्टर बनने के बाद डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद ने खुद को भारत में एक्शन फिल्मों के सबसे बड़े डायरेक्टर के रूप में स्थापित कर लिया है।

यशराज फिल्म्स की धड़कनें बढ़ा देने वाली इस विजुअल स्पेक्टेकल ने हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक नया बेंचमार्क स्थापित कर दिया था। चाहे इसका बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड हो, शानदार स्केल हो, बहुत बड़े हिट गाने हों... यहां तक कि टाइगर श्रॉफ के खिलाफ ऋतिक रोशन को खड़ा करके इस फिल्म ने एक तरह से कास्टिंग का तख्तापलट ही कर दिया था!

सिद्धार्थ कहते हैं, 'वॉर को बनाने के पीछे इरादा यह था कि हिंदी सिनेमा में एक्शन और स्टंट का स्तर ऊपर उठाया जाए। हमारी इतनी बड़ी इंडस्ट्री है और हम एक साल में ढेर सारी फिल्में बनाते हैं, लेकिन इनमें एक्शन फिल्में बहुत कम होती हैं, जो एक तरह से हमारी इंडस्ट्री का खालीपन ही कहा जाएगा। स्पेक्टेकल एक्शन फिल्में बनाने...और पिछले 5-7 सालों में, दरअसल ‘बैंग बैंग’ के 7 साल बाद ‘वार’ जैसी बेंचमार्क एक्शन फिल्में बनाने का मेरा प्रयास रहा है और मैंने लगातार उस खालीपन को भरने की कोशिश की है। ”
 
वह आगे कहते हैं, “मैं सब्जेक्ट और कहानियां चुनता हूं। मैं कहानियां लिखता हूं, मैं ऐसी कहानियों की तलाश में रहता हूं, जिनमें एक्शन समाहित हो सके, जो जॉनर को नई परिभाषा दे सकें। जी हाँ, पिछले 5-7 वर्षों से यह मेरा एक सोचा-समझा निर्णय रहा है और अब यह मेरी पहचान बन गया है। मेरा पूरा वजूद ही एक्शन स्पेक्टेकल बनाने के लिए तब्दील हो गया है और ‘वार’ इस कोशिश की एक गवाह बन गई। मैं अपनी अगली फिल्म के रूप में दर्शकों के सामने इससे भी बड़ा स्पेक्टेकल पेश करने के लिए और ज्यादा कड़ी मेहनत कर रहा हूं।"
 
सिद्धार्थ खुलासा करते हैं कि आदित्य चोपड़ा और वह खुद भी ‘वार’ को इतने विशाल और अभूतपूर्व पैमाने पर क्यों बनाना चाहते थे। उन्होंने यह खुलासा भी किया कि ऋतिक वर्सेस टाइगर यकीनन एक कास्टिंग कूप था, लेकिन ‘वार’ के आल-टाइम ब्लॉकबस्टर बनने के पीछे यही एकमात्र फैक्टर नहीं था।
 
उनका मत है कि, "मुझे नहीं लगता कि ‘वार’ ने बॉक्स ऑफिस की जंग अपनी प्रभावशाली स्टार-कास्ट की वजह से जीती थी। ‘वार’ 2019 में आई थी और ‘वार’ से पहले के 3-4 वर्षों में आपने देखा ही होगा कि बड़े- बड़े सुपरस्टारों की तमाम टेंटपोल फिल्में फ्लॉप हो गई थीं। वे चौतरफा पिट रही थीं। दरअसल उस वक्त मिड-रेंज की स्टारकास्ट वाली वे फिल्में बढ़िया चल रही थीं, जिनका कॉन्सेप्ट आला दर्जे का होता था। इसलिए उस वक्त किसी टेंटपोल फिल्म में बड़ी स्टार कास्ट का होना असल में सबसे जोखिम भरी चीज थी।”

सिद्धार्थ आगे कहते हैं, "वैसे तो बड़ी स्टार-कास्ट लेना एक सेफ चीज ही होती है, क्योंकि इससे आपको एक ऐसा बजट मिल जाता है, जो आपको अपनी मनचाही फिल्म बनाने की अनुमति देता है, लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर कमाई की कोई गारंटी नहीं होता। आपको वहां एक अच्छी फिल्म बनाने की जरूरत होती है, जो दर्शकों से जुड़ सके।

दर्शकों ने सितारों के पीछे भागना बंद कर दिया है, वे कहानियों के लिए फिल्में देखते हैं और वे अच्छी फिल्म के पीछे भागते हैं। इतना जरूर है कि बड़े सितारों का होना एक बहुत बड़ा बोनस और प्लस है। लेकिन एक्टर खुद सारी हकीकत जानते हैं, इसीलिए फिल्में चुनने में वे खासा समय लगाते हैं, क्योंकि उनको पता है कि स्टार आपको ओपनिंग दिला सकते हैं, मगर फिल्म काम की होनी ही चाहिए।”
 
वह आगे बताते हैं, "ऋतिक और टाइगर ने फिल्म में कड़ी मेहनत की। चैन से बैठकर उन्होंने यह नहीं कहा कि- 'अरे, हमारे पास वाईआरएफ का जबर्दस्त गठजोड़ मौजूद है और हमारे पास एक महान बैनर, अच्छा एक्शन डायरेक्टर है, और हम भी फिल्म में हैं, इसलिए फिल्म को कायमाब ही समझो।‘ नहीं, उन्होंने वाकई बहुत मेहनत की, और यह बात खुद उन्हें भी मालूम है। उन्होंने एक महान फिल्म बनाने के लिए अपनी क्षमता से बढ़ कर काम किया। वॉर को इस तरह की सफल फिल्म बनाने के लिए सभी ने- निर्माता, कलाकारों और तकनीशियनों ने वास्तव में कड़ी मेहनत की।"
 
जब अगली पीढ़ियों के लोग ‘वार’ को पीछे मुड़कर देखेंगे, तो सिद्धार्थ आनंद के मुताबिक उनका हासिल क्या होगा? सिद्धार्थ सोचते हैं, "यह उस पीढ़ी के लिए एक्शन जॉनर को परिभाषित करने वाली फिल्म होगी। मैं इस बात पर यकीन करना चाहूंगा। मुझे लगता है कि हमने उन्हें एक ऐसा स्पेक्टेकल दे दिया है, जो बड़े पैमाने की तमाम अंतरराष्ट्रीय फिल्में देखने का अवसर मिलने पर उनको प्राप्त होता है।”
 
वह आगे कहते हैं, "तो, मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन्हें इस बात पर गर्व होगा कि हमने भी ऐसी ही एक फिल्म बनाई है और हम हॉलीवुड फिल्म को मिलने वाले बजट के मामूली हिस्से के बल पर उसी पैमाने की फिल्में बना सकते हैं। तो हां, (मैं चाहता हूं कि वे) इसे एक मजेदार एक्शन फिल्म के रूप में याद रखें।

एक ऐसी फिल्म, जिसे वे बार-बार देख सकते हैं और शायद वे अपनी अगली पीढ़ी को दिखा कर उनसे कह सकते हैं कि 'उस समय हमारे पास ऐसी फिल्में हुआ करती थीं।' मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ी अपेक्षा है, लेकिन हां, मैं चाहता हूं कि वे इसे एक मजेदार एक्शन फिल्म के रूप में याद रखें।”

Web Title: action film 'War' 2nd anniversary Director Siddharth Anand Raising level of action and stunts Hindi cinema

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