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US Deports Illegal Migrants: अवैध प्रवासियों के साथ कैदियों जैसा व्यवहार अनुचित

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: February 8, 2025 08:22 IST

US Deports Illegal Migrants: डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद अवैध प्रवासियों के साथ जिस तरह का दुर्व्यवहार किया गया, वह समझ से परे है.

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ठळक मुद्देप्रवर्तन अधिकारियों द्वारा किया जाता है और इससे जुड़े प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है. मानवाधिकारों की वकालत करने वाला अमेरिका खुद ही कई बार अपने विचारों-सिद्धांतों से पलटते हुए दिखता है. अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों पर निर्वासन की तलवार लटक रही है.

US Deports Illegal Migrants:अमेरिका से वापस भेजे गए 104 भारतीयों के साथ जिस तरह कैदियों जैसा व्यवहार किया गया है उसकी देशभर में चर्चा हो रही है. संसद के दोनों सदनों में इस मामले पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा भी किया. जब लोगों को अमेरिकी मिलिट्री विमान सी 17 से लाया जा रहा था तो उनके हाथों और पैरों को बांध दिया गया था. आखिर अवैध प्रवासियों के साथ कैदियों जैसा व्यवहार क्यों किया गया? उनके हाथों में हथकड़ियां क्यों लगाई गईं? इस सवाल पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर का जवाब है कि अमेरिकी निर्वासन का प्रबंधन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा किया जाता है और इससे जुड़े प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है. लेकिन, डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद अवैध प्रवासियों के साथ जिस तरह का दुर्व्यवहार किया गया, वह समझ से परे है.

दुनिया भर में मानवाधिकारों की वकालत करने वाला अमेरिका खुद ही कई बार अपने विचारों-सिद्धांतों से पलटते हुए दिखता है. अपनी दूसरी पारी में ट्रम्प सरकार नागरिकता कानून पर बेहद सख्त रुख अपनाए हुए है, जिसके कारण अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों पर निर्वासन की तलवार लटक रही है. जाहिर है ये सभी लोग गलत रास्ते से वहां पहुंचे थे.

यह सर्वविदित है कि डंकी रूट यानी अवैध रास्ते से लोगों को विदेश ले जाने का एक बड़ा रैकेट चल रहा है. इसके जरिये एजेंटों और ट्रैवल एजेंसियों की अवैध कमाई भी होती है. गलत तरीके से अमेरिका जाने वालों का एकमात्र मकसद पैसा कमाना होता है, जिसके लिए लोग जान तक जोखिम में डाल देते हैं. इनको रखने वालों को भी पता होता है कि ये अवैध रूप से देश में रह रहे हैं.

दोनों की रजामंदी से ऐसे लोग अमेरिका में वर्षों तक टिके रहते हैं. गलत तरीके से रहने वाले लोगों को डिपोर्ट होने का डर हमेशा बना रहता है. अमेरिका में ऐसे लोगों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा बताई जाती है. बहरहाल, अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजने की नीति गलत नहीं है, लेकिन उसका क्रियान्वयन जिस तरीके से हुआ है, वह चिंताजनक है, निंदनीय भी.

किसी भी देश में अवैध तरीके से रहना कानूनन सही नहीं है. लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि वे अपराधी नहीं हैं. इन प्रवासियों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार को किसी भी तरह से सही नहीं बताया जा सकता. जहां ट्रम्प प्रशासन के इस रवैये की दुनिया भर में और उनके अपने देश में भी आलोचना हुई, वहीं इस पर ठोस आपत्ति न जताने के कारण भारत सरकार की भी आलोचना हुई है. लोग कोलंबिया का उदाहरण दे रहे हैं कि वहां के राष्ट्रपति ने अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए दो विमान भेजे थे.  

टॅग्स :अमेरिकाडोनाल्ड ट्रंपगुजरातपंजाबकनाडा
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