अमेरिका के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी के ‘हाउडी मोदी’ (अंग्रेजी में आप कैसे हो श्री मोदी) के बाद अब इस माह अहमदाबाद में प्रस्तावित ‘केम छो ट्रम्प भाई’ (गुजराती भाषा में कैसे हो ट्रम्प भाई) के धूम-धड़ाके के साथ ट्रम्प अपनी पत्नी मेलानिया के साथ आगामी 24 और 25 फरवरी को भारत यात्ना पर रहेंगे. इस यात्ना को दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाओं के बतौर देखा जा रहा है. यह ट्रम्प के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम वर्ष है और अब वह रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के दोबारा सशक्त उम्मीदवार बनने की तैयारी में जुटे हैं.
इस दौर में दोनों देशों की अपनी आंतरिक चुनौतियां भी हैं, साथ ही दुनिया भी उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. इस क्षेत्न के घटनाक्रम की बात करें तो चीन, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के उलझे क्षेत्नीय समीकरण भी सामने हैं. ऐसे में सवाल यह भी है कि इस यात्ना के अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के लिए क्या मायने हैं, इसके क्या संदेश जाएंगे? सबसे अहम बात यह है कि इस यात्ना से भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, सामरिक संबंधों में सहयोग को लेकर अनेक संभावनाएं बनी हैं.
ऐसे में जबकि व्यापार वार्ता में अमेरिकी वार्ताकार रॉबर्ट लाइत्जर ने ट्रम्प की भारत यात्ना से ठीक पहले अपनी पूर्व निर्धारित भारत यात्ना स्थगित कर दी है, सवाल है कि क्या दोनों देशों के बीच पिछले काफी समय से लटका व्यापार समझौता इस दौरान हो पाएगा. इसके साथ ही इस दौरान दोनों देशों के बीच कुछ संभावित रक्षा समझौते भी क्या होंगे. हालांकि रक्षा सौदों के बारे में सहमति बनती सी प्रतीत होती है. यानी इस वक्त इस दौरे की खास अहमियत है, ऐसे में जबकि ट्रम्प राष्ट्रपति पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनते जा रहे हैं और हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस में उनकी बर्खास्तगी संबंधी महाभियोग प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद उनकी उम्मीदवारी और मजबूत हुई है, दौरे का समय रिश्तों के एक नए चरण की शुरुआत का समय बन सकता है.
ट्रम्प अब जबकि दूसरे कार्यकाल के लिए मजबूत उम्मीदवार बन रहे हैं. उन्हें अमेरिका में बसे भारतीयों के समर्थन की भी जरूरत है. पिछले साल अमेरिका में पीएम मोदी के हाउडी मोदी कार्यक्रम में अबकी बार ट्रम्प सरकार का नारा लग भी चुका है. जाहिर है कि ट्रम्प अपने दौरे में इस जुड़ाव को और मजबूत करना चाहेंगे.
दोनों देशों के बीच गतिरोध वाले प्रस्तावित व्यापार समझौते की बात करें तो दोनों देशों के बीच इसे लेकर काफी समय से असहज स्थिति चल रही है जिसके चलते पिछले अनेक महीनों की बातचीत के अनेक दौर के बावजूद यह समझौता नहीं हो पा रहा है. हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि भले ही पूर्ण समझौता न सही लेकिन इस दौरे में कुछ क्षेत्नों में आपसी सहमति कायम होने के बाद एक तरह के ‘लघु समझौते’ पर सहमति बन सकती है.
भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 2018 में 142.6 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था. अगर यह ट्रेड डील होती है तो सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल सकता है. दरअसल, इस डील में अमेरिका कुछ खास रियायतों की मांग कर रहा है, जबकि भारत ने मेक इन इंडिया का हवाला देते हुए अमेरिकी आईटी कंपनियों को मनमानी डील देने से इनकार कर दिया है.
इसके अलावा भारत अमेरिका से विकासशील देशों को दिया जाने वाला दोबारा स्पेशल स्टेटस बहाल करने की भी मांग कर रहा है, जिसे अमेरिका ने पिछले वर्ष वापस ले लिया था. दोनों देशों के बीच सुदृढ़ साङोदारी के लिए जरूरी है कि यह समझौता जल्द हो. दोनों देशों के बीच अहम सामरिक साङोदारी की बात करें तो स्थिति अच्छी कही जा सकती है. रक्षा क्षेत्न में 24 एमएच-60 सी हॉक हेलिकॉप्टर सौदे की खरीद के बारे में प्रगति होने की बात कही जा रही है 1.867 अरब की एकीकृत वायुरक्षा आयुध प्रणाली की खरीद के बारे में भी समझौते की उम्मीद है. भारत 2007 के बाद से अपने रक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए अपने परंपरागत रक्षा उपकरण सप्लायर रूस के साथ अमेरिका से भी रक्षा खरीद करने लगा है.
ट्रम्प का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब मध्य एशिया में तनाव व्याप्त है. अमेरिका जानता है कि ईरान और भारत के रिश्ते काफी मजबूत हैं. ऐसे में कुछ जानकारों का मत है कि भारत दोनों देशों के बीच अहम भूमिका निभा सकता है. ट्रम्प और पीएम मोदी के कार्यकाल में दोनों के बीच काफी मुलाकातें हुई हैं और दोनों के बीच मुलाकातों के दौरान आपसी समझ का रिश्ता भी दिखता है. इस यात्ना की घोषणा के बाद दोनों ने ही उम्मीद जताई कि इस यात्ना से दोनों देशों के बीच रिश्ते और बेहतर होंगे. वैसे देखा जाए तो द्विपक्षीय व्यापार के मुद्दों को हल करने और अमेरिका-भारत के बीच सहयोग को रेखांकित करने के मद्देनजर ट्रम्प सही समय पर भारत आ रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि दोनों के बीच सहयोग की नई संभावनाएं बनेंगी और द्विपक्षीय, क्षेत्नीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर आपसी समझ भी बढ़ेगी.