मोदी सरकार पर किसानों को भरोसा नहीं है!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 1, 2020 09:22 PM2020-12-01T21:22:40+5:302020-12-01T21:24:25+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसपी पर केन्द्र सरकार की ओर से आश्वस्त किया है, फिर किसान उस पर भरोसा क्यों नहीं कर रहे हैं?
किसान आंदोलन को छह दिन हो गए हैं, हालांकि केन्द्र सरकार ने किसान नेताओं से बातचीत शुरू की है, लेकिन जिस तरह से समय गुजारा गया, किसान आंदोलन पर सियासी कीचड़ उछाला गया, उसमें दरार डालने की कोशिशें की गई, उसने साफ कर दिया है कि 2014 से पहले जो मोदी टीम ने अच्छे दिनों के सपने दिखाए थे, वे एकदम झूठे थे.
यही वजह है कि किसान उनके किसी भी मौखिक वादे और इरादे पर भरोसा नहीं कर रहे हैं!किसान आंदोलन शुरू होने के साथ ही लगातर किसानों से एक ही सवाल पूछा जा रहा था कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसपी पर केन्द्र सरकार की ओर से आश्वस्त किया है, फिर किसान उस पर भरोसा क्यों नहीं कर रहे हैं?
दरअसल, दो ऐसे प्रमुख कारण हैं कि किसान लिखित में चाहते हैं, एमएसपी पर कानून चाहते हैं....एक- वर्ष 2014 में गैस, पेट्रोल, डीजल, के दाम, महंगाई सहित अनेक समस्याओं पर कांग्रेस पर सियासी निशाना साधते हुए जनता को अच्छे दिनों के सपने दिखाए गए थे, यही नहीं, कोरोना संकट में भी बीस लाख करोड़ की राहत, करोड़ों लोगों को मुफ्त अनाज जैसे सरकारी आंकड़ों से पेट भरने की कोशिशें की गई, लेकिन केन्द्र सरकार ने इन छह वर्षों में ऐसा कोई काम नहीं किया कि पीएम मोदी की मौखिक बातों, वादों और इरादों पर भरोसा किया जा सके.
दो- यदि आज किसान भरोसा कर भी लें, तो भविष्य में जो भी सरकार आएगी वह उस पर कायम रहेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है. कितने आश्चर्य की बात है कि किसान आंदोलन को दलालों का आंदोलन तक करार दिया गया, अब तो भविष्य में जनता ही फैसला करेगी कि असली दलाल किसान हैं या सरकार है?