ब्लॉग: नए दौर में फिर से मजबूत हो रहे भारत-नेपाल संबंध

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 15, 2023 12:11 PM2023-06-15T12:11:38+5:302023-06-15T12:18:10+5:30

केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते रसातल में चले गए थे. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ऐतिहासिक गलती से सबक लेते हुए अपने पहले विदेशी दौरे पर भारत आए.

Indo-Nepal relations getting stronger again in the new era | ब्लॉग: नए दौर में फिर से मजबूत हो रहे भारत-नेपाल संबंध

नए दौर में फिर से मजबूत हो रहे भारत-नेपाल संबंध

डॉ.कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप सिंह

भारत और नेपाल के रिश्ते रोटी और बेटी का होने के बावजूद काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं. भारत और नेपाल के बीच सदियों से धार्मिक और सामाजिक संबंध रहे हैं. भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों से बड़ी संख्या में लड़कियों की शादी नेपाल में हुई है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम की शादी भी जनकपुर में हुई थी. इस मधुर संबंध के बीच नेपाल में वामपंथी राज आने के बाद रिश्ते बिगड़ने लगे थे. 

चीन के इशाारे पर नाचने वाले केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते रसातल में चले गए थे. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ऐतिहासिक गलती से सबक लेते हुए अपने पहले विदेशी दौरे पर भारत आए. नेपाल के प्रधानमंत्री और पीएम मोदी के बीच गर्मजोशी भरी मुलाकात भी हुई. दोनों देशों के बीच बिजली, खाद समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. प्रचंड का यह दौरा ऐसे समय हुआ जब भारत और चीन के बीच संबंध बहुत तनावपूर्ण हैं. 

प्रचंड के भारत दौरे से ठीक पहले नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडयाल ने देश के नागरिक कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी. इस संशोधन से अब अगर कोई विदेशी महिला नेपाली नागरिक से शादी करती है तो उसे राजनीतिक अधिकार मिल जाएंगे. नेपाल के इस कदम से जहां भारतीयों को फायदा होने जा रहा है, वहीं चीन का आगबबूला होना तय माना जा रहा है.

चीन को डर सता रहा है कि इस कानून से उसके विद्रोही तिब्बती शरणार्थी नागरिकता हासिल कर लेंगे. यही नहीं इन तिब्बतियों को संपत्ति का भी अधिकार मिल जाएगा. चीन तिब्बत में किसी भी विद्रोह के डर से हमेशा सतर्क रहता है. चीनी नेता अक्सर नेपाली नेताओं पर इन तिब्बती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहते हैं. चीन और नेपाल की सीमा लगती है और तिब्बती विद्रोही चीनी इलाके में घुसते रहते हैं.

भारत के रणनीतिक हितों के लिए नेपाल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पांच भारतीय राज्यों - सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1800 किमी से अधिक की सीमा साझा करता है. लैंड-लॉक राष्ट्र माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है. नेपाल की समुद्र तक पहुंच भारत के माध्यम से है और यह अपनी आवश्यकताओं का एक प्रमुख अनुपात भारत से और उसके माध्यम से आयात करता है. 

1950 की भारत-नेपाल शांति और मित्रता संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार बनाती है. बीते साल अप्रैल में बिजली क्षेत्र में सहयोग पर भारत-नेपाल के संयुक्त विजन स्टेटमेंट को मील का पत्थर माना जाता है. नेपाल भारत को 450 मेगावाॅट से अधिक बिजली निर्यात करता है.

Web Title: Indo-Nepal relations getting stronger again in the new era

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