वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: रोहित ने कप्तानी से किया प्रभावित, विंडीज ने किया निराश
By वीवीएस लक्ष्मण | Published: November 13, 2018 08:43 AM2018-11-13T08:43:36+5:302018-11-13T08:43:36+5:30
विंडीज के प्रदर्शन में चैंपियंस का रुतबा नदारद था टी-20 फॉर्मेट में विंडीज का जलवा रहा है।
विंडीज के प्रदर्शन में चैंपियंस का रुतबा नदारद था टी-20 फॉर्मेट में विंडीज का जलवा रहा है। इस सबसे छोटे और धूमधड़ाके वाले फॉर्मेट में टीम ने दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। ऐसे में जब टीम भारत के हाथों तीन मुकाबलों की सीरीज गंवा देती है तो बेहद निराशा भी होती है।
बेशक, रोहित की कप्तानी में मेजबानों ने धमाकेदार अंदाज में सीरीज कब्जाई। दिग्गजों की गैरमौजूदगी के बावजूद टीम में मौजूद कैरेबियाई बल्लेबाजों में अपनी छाप छोड़ने की क्षमता तो जरूर थी। लेकिन, पहले दो मुकाबलो में उनके बल्लेबाजों ने गलत शॉट का चयन कर अपने विकेट थ्रो किए और चाइनामैच स्पिनर कुलदीप यादव की फिरकी में भी उलझ पड़े। कुलदीप की अनुपस्थिति में ही वह चेन्नई के तीसरे मैच में बल्लेबाजी में दिखा पाए। फिर भी वह सांत्वना जीत भी दर्ज नहीं कर पाए।
दोनों टीमों के सीनियरों के प्रदर्शन में भी अंतर देखने को मिला। जहां रोहित और शिखर धवन ने अपनी बल्लेबाजी से कमाल दिखाया, वहीं डेरेन ब्रावो और कीरोन पोलार्ड अपेक्षा के अनुरूप चल नहीं पाए। ओशोन थॉमस को अपवाद के रूप में देखा जाए तो टीम की गेंदबाजी बेहद नीरस रही। लिहाजा उसका दारोमदार बल्लेबाजी पर ही निर्भर था। जब बल्लेबाजी विफल हो गई तो उनके लिए जीत की संभावनाएं क्षीण हो गईं।
रोहित की कप्तानी ने काफी प्रभावित किया। खासतौर से टी-20 फॉर्मेट में वह अब कप्तानी के दावेदार माने जा सकते हैं। खिलाड़ियों की क्षमता को उन्होंने बढ़िया ढंग से भुनाया। ठोस रणनीति के साथ वह मैदान पर सक्रिय नजर आए, लेकिन उन्होंने स्थितियों के अनुरूप अपने फैसले बदलनेे में भी झिझक नहीं दिखाई। उन्होंने बल्लेबाजी में चमक बिखेरी। लखनऊ मुकाबले में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय करियर का चौथा टी-20 शतक भी जड़ा।
ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले शिखर को लय में देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने युवा ऋषभ पंत के साथ अच्छी साझेदारी निभाते हुए टीम की जीत सुनिश्चित कर दी। हालांकि, पंत को इस बात को समझना होगा कि गंभीरता न बरतने से वह अपनी क्षमता को भुनाने में नाकाम भी रह सकते हैं। इन छोटी-छोटी बातों के चलते वह अपने स्वाभाविक खेल के साथ उन्हें ऊंचे शॉट्स खेलने में भी सहूलियत होगी। जसप्रीत बुमराह हमेशा की तरह बेहतरीन फॉर्म में नजर आए, जबकि कुलदीप ने सफेद गेंद से कमाल की फिरकी का नमूना पेश किया। गेंदों पर उनका नियंत्रण देखते ही बन रहा था।