अयाज मेमन का कॉलम: ऋषभ पंत और संजू सैमसन को भुगतना होगा केएल राहुल की सफलता का खामियाजा
By अयाज मेमन | Published: January 27, 2020 08:58 AM2020-01-27T08:58:05+5:302020-01-27T08:58:05+5:30
न्यूजीलैंड दौरे पर विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया है।
राहुल से ऋषभ-सैमसन को प्रेरणा लेने की जरूरत
न्यूजीलैंड पहुंचते ही भारतीय टीम ने अपने विजय अभियान का आगाज किया। जेट लैग जैसे फैक्टर भी बेअसर रहे। नवदीप सैनी को छोड़कर टीम के सारे खिलाड़ी तरोताजा नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे कुछ सप्ताह से यहां खेल रहे हैं। कप्तान विराट कोहली ने साथियों से अपनी भूमिकाओं का निर्वाह पूरी जिम्मेदारी से करने का संदेश दिया है और खराब प्रदर्शन के लिए जेट लैग जैसे किसी बहाने को स्वीकारा नहीं जाएगा। लिहाजा, हर खिलाड़ी अपनी-अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर है।
इससे पूर्व इस तरह की स्थितियों में औसत प्रदर्शन को लेकर प्रशासन, मीडिया ने खिलाड़ियों का बचाव करने की कोशिश की, लेकिन इसका खामियाजा अपनी काबिलियत से न खेल पाए खिलाड़ियों को ही उठाना पड़ा। आज दुनिया भर के खिलाड़ियों को व्यस्ततापूर्ण क्रिकेट कार्यक्रम के अनुरूप अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रखना है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा घरेलू क्रिकेट एवं दुनियाभर में हो रही टी-20 लीग का आयोजन पूरे साल भर किया जाता है। प्रशासकों को यह तय करना है कि व्यस्ततापूर्ण क्रिकेट खेल के भविष्य कितना योग्य है लेकिन खिलाड़ियों के सामने कोई विकल्प नहीं है या तो कार्यभार को स्वीकार करें या मैदान छोड़ दें।
भारतीय खिलाड़ियों में हर स्थिति में तैयार रहने की प्रवृत्ति देखते ही बनती है। बेशक, इसका श्रेय कोहली और शास्त्री को जाता है जो ड्रेसिंग रूम में ही सपोर्ट स्टाफ के सहयोग से मैच से जुड़ी तमाम समस्याओं को सुलझा लेते हैं। इसी मानसिकता की झलक पहले मैच में देखने को मिली। 200 से अधिक के लक्ष्य को भारतीय टीम ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए बड़ी सहजता से हासिल कर टी-20 सीरीज में बढ़त बना ली।
यह कहना गलत होगा कि भारत बड़ी आसानी से सीरीज कब्जा लेगा। आगाजी मुकाबले में मेजबानों को ट्रेंट बोल्ट जैसे अनुभवी गेंदबाज की सेवाएं नहीं मिल पाई। आईसीसी रैंकिंग में दोनों में कड़ा मुकाबला है। कीवियों को घर में खेलने का लाभ मिलेगा। पहले मैच में कुछ खामियां जरूर थीं। जैसे क्षेत्ररक्षण औसत दर्जे का रहा। जेट लैग फैक्टर भी कारण हो सकता है, लेकिन बहाने को नजरअंदाज करना है तो क्षेत्ररक्षण में सुधार की जरूरत है। गेंदबाजी में जरूर सुधार की गुंजाइश है। पहले मैच में बुमराह और चहल-जडेजा को छोड़ कुछ गेंदबाज महंगे साबित हुए।
बल्लेबाजी एक ऐसा क्षेत्र है जहां ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। रोहित शर्मा को छोड़कर केएल राहुल, श्रेयस अय्यर समेत टॉप ऑर्डर ने बढ़िया प्रदर्शन किया। उनका यह प्रदर्शन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने निरंतर इसे जारी रखा है। अय्यर ने 'संकटमोचक अर्धशतकीय' पारी खेलकर टी-20 मध्यक्रम में भी अपनी जगह मजबूत कर ली। मुझे नहीं लगता कि भारत को आगामी टी-20 विश्व कप के मद्देनजर मध्यक्रम में किसी प्रयोग की आवश्यकता है।
'सफेद बॉल प्रारूप' में केएल राहुल के बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज प्रदर्शन से टीम प्रबंधन भी गद्गद होगा। राहुल की इस सफलता से टीम प्रबंधन को सलामी बल्लेबाजी और गेंदबाजी में विकल्प मिल जाते हैं। हालांकि इसका सीधा खामियाजा ऋषभ पंत और संजू सैमसन को भुगतना होगा। इन दोनों युवाओं को राहुल की इस कामयाबी से सीख लेने की आवश्यकता है।