ब्लॉग: एनपीए अकाउंट को भी मिल सकता है नया लोन, आरबीआई के कदम से होगा बड़ा फायदा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: June 19, 2023 11:10 IST2023-06-19T11:09:17+5:302023-06-19T11:10:27+5:30
आरबीआई ने समाधान देते हुए कहा कि 12 महीने में डिफॉल्टर पूरा सेटलमेंट कर देता है तो उसके बाद वो फिर से लोन पाने का हकदार होगा. इससे छोटे डिफॉल्टर्स की संख्या में भी कमी आएगी.

ब्लॉग: एनपीए अकाउंट को भी मिल सकता है नया लोन, आरबीआई के कदम से होगा बड़ा फायदा
सीए महेश राठी
पिछले कुछ वर्षों से बैंकों का एनपीए काफी बढ़ा है. इस दौरान सरकार ने कॉरपोरेट लोन माफ भी किए, जिसकी काफी आलोचना हुई. ऐसे में रिजर्व बैंक के सामने कड़ी चुनौती थी कि ऐसे डिफॉल्टर्स की संख्या में कमी कैसे की जाए? आरबीआई ने अब इस समस्या को एक अलग तरह से सुलझा लिया है. सिर्फ सुलझाया ही नहीं बल्कि कह सकते हैं कि लोगों को बड़ी राहत भी दी है.
आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि ऐसे डिफॉल्टर्स के साथ सेटलमेंट करें और 12 महीनों का कूलिंग पीरियड देकर अपना पैसा निकालें. ये वो पहली समस्या है जिसके समाधान से देश में छोटे डिफॉल्टर्स की संख्या में कमी आएगी.
अब दूसरी समस्या ये है कि सेटलमेंट तो अब भी हो रहा है. बैंक और डिफॉल्टर आपस में सेटलमेंट करते हैं और उसके बाद डिफॉल्टर कर्जमुक्त हो जाता है लेकिन अगर उसे दोबारा लोन की जरूरत पड़ती है तो उन्हें आसानी से लोन नहीं मिल पाता है. बैंकों का उस वक्त नजरिया होता है कि सिबिल में सेटलमेंट दिखाई दे रहा है. बैंकों की नजर में वो निगेटिव प्रोफाइल वाला व्यक्ति होता है. फिर चाहे सिबिल स्कोर क्यों न 800 पर पहुंच जाए.
आरबीआई ने इस समस्या को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. वो ये है कि 12 महीने में डिफॉल्टर पूरा सेटलमेंट कर देता है तो उसके बाद वो फिर से लोन पाने का हकदार होगा. इसका मतलब है कि सेटलमेंट पूरा करने के बाद लोन लेने वालों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. आरबीआई के इस फैसले का आम आदमी को फायदा मिलेगा. यह जानकारी आरबीआई के 8 जून 2023 के नोटिफिकेशन के द्वारा दी गई है.