Make in India: थमने वाली नहीं है भारत की प्रगति...
By नरेंद्र मोदी | Updated: September 27, 2024 05:21 IST2024-09-27T05:21:16+5:302024-09-27T05:21:35+5:30
Make in India: पिछले एक दशक पर विचार करते समय मैं इस बात पर गर्व महसूस किए बिना नहीं रह सकता कि 140 करोड़ भारतीयों की अपार क्षमता और कौशल ने हमें कितना आगे बढ़ा दिया है.

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Make in India: आप में से प्रत्येक का अभिनंदन करने का यह शानदार अवसर है जिन्होंने इस पहल को अत्यंत सफल बनाया है. आप में से प्रत्येक व्यक्ति अग्रणी, दूरदर्शी और अन्वेषक है जिनके अथक प्रयासों से ही ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता सुनिश्चित हुई है, और इस तरह से हमारा देश वैश्विक आकर्षण एवं जिज्ञासा का केंद्र बन गया है. इस अथक सामूहिक प्रयास से ही एक सपने ने एक अत्यंत प्रभावशाली आंदोलन या मुहिम का रूप ले लिया है. ‘मेक इन इंडिया’ का व्यापक प्रभाव यह दर्शाता है कि भारत की प्रगति थमने वाली नहीं है.यह एक ऐसा अहम प्रयास था जो दस साल पहले इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ शुरू हुआ था - विनिर्माण में भारत की प्रगति को और तेज करना, और इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना कि हमारे जैसा प्रतिभाशाली राष्ट्र केवल आयातक ही नहीं, बल्कि निर्यातक भी बने.
पिछले एक दशक पर विचार करते समय मैं इस बात पर गर्व महसूस किए बिना नहीं रह सकता कि 140 करोड़ भारतीयों की अपार क्षमता और कौशल ने हमें कितना आगे बढ़ा दिया है. ‘मेक इन इंडिया’ की छाप सभी क्षेत्रों में दिखाई देने लगी है जिनमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जिनमें हमने अपनी अमिट छाप छोड़ने का सपना कभी भी नहीं देखा था.
मैं यहां एक-दो उदाहरण प्रस्तुत करता हूं.
मोबाइल का विनिर्माण... हम सभी यह जानते हैं कि मोबाइल फोन अब कितने अहम हो गए हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2014 में हमारे यहां पूरे देश में केवल दो मोबाइल विनिर्माण इकाइयां थीं. आज यह संख्या बढ़कर 200 से भी अधिक हो गई है. हमारे देश से मोबाइल निर्यात मात्र 1,556 करोड़ रुपए से ऊंची छलांग लगाकर 1.2 लाख करोड़ रुपए के आश्चर्यजनक आंकड़े को छूने लगा है - यह 7500% की आश्चर्यजनक वृद्धि को दर्शाता है. आज भारत में इस्तेमाल होने वाले 99% मोबाइल फोन सही मायनों में ‘मेड इन इंडिया’ हैं.
हम पूरी दुनिया में दूसरे सबसे बड़े मोबाइल निर्माता बन गए हैं. हमारे इस्पात उद्योग पर एक नजर डालें तो हम विशुद्ध रूप से तैयार स्टील के निर्यातक बन गए हैं, जिसका कुल उत्पादन वर्ष 2014 से लेकर अब तक 50% से भी अधिक बढ़ गया है. हमारा सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र 1.5 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का निवेश आकर्षित करने में सफल रहा है.
जिसमें पांच संयंत्रों को मंजूरी दी गई है जिनकी संयुक्त क्षमता प्रतिदिन 7 करोड़ से भी अधिक चिप्स की होगी. नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हम पूरी दुनिया में चौथे सबसे बड़े उत्पादक देश हैं जिसमें कुल क्षमता केवल एक दशक में 400% बढ़ गई है. हमारा इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग जोरदार उछाल के साथ 3 अरब डॉलर का हो गया है, जो वर्ष 2014 में तो एक तरह से अस्तित्व में ही नहीं था.
रक्षा उत्पादों का निर्यात मात्र 1,000 करोड़ रुपए से ऊंची छलांग लगाकर 21,000 करोड़ रुपए हो गया है, जो अब तो 85 से भी अधिक देशों में पहुंच गया है. ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान, मैंने एक जीवंत खिलौना उद्योग की आवश्यकता के बारे में बात की थी और हमारे लोगों ने दिखाया कि यह कैसे किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में, हमने निर्यात में जहां 239% की वृद्धि देखी है.
वहीं, आयात आधे से भी कम हो गया है, जिसका विशेष रूप से हमारे स्थानीय विनिर्माताओं और विक्रेताओं को लाभ हुआ है, छोटे बच्चों का तो कहना ही क्या. आज के भारत के कई प्रतीक - हमारी वंदे भारत ट्रेनें, ब्रह्मोस मिसाइलें और हमारे हाथों में मोबाइल फोन - सभी पर गर्व के साथ मेक इन इंडिया लेबल नजर आता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, इससे भारतीय प्रतिभा और गुणवत्ता का पता चलता है. मेक इन इंडिया पहल इसलिए भी खास है क्योंकि इसने गरीबों को बड़े सपने देखने और आकांक्षाओं के लिए पंख दिए हैं- इसने उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि वे वेल्थ क्रिएटर बन सकते हैं. एमएसएमई क्षेत्र पर इसका प्रभाव भी उतना ही उल्लेखनीय है.
एक सरकार के रूप में, हम इस भावना को और भी मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारा एक दशक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड अपने आप में बहुत कुछ बोलता है. उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं गेम चेंजर रही हैं, जिससे हजारों करोड़ रुपए का निवेश संभव हुआ है और लाखों नौकरियां पैदा हुई हैं. हमने व्यापार को आसान बनाने के लिए भी खासे प्रयास किए हैं.
आज भारत के पक्ष में बहुत कुछ चल रहा है- हम लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग का सही मिश्रण हैं. हमारे पास वो सब कुछ है जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए आवश्यक है और जिन्हें व्यापार के लिए एक विश्वसनीय भागीदार में देखा जाता है. हमारे पास सबसे शानदार युवा शक्ति भी है, जिसके स्टार्टअप की सफलता सभी के सामने है.
इस प्रकार, माहौल स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में है. वैश्विक महामारी जैसी अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत मजबूती से विकास की राह पर बना हुआ है. आज, हमें वैश्विक विकास के नेतृत्व करने वाले के रूप में देखा जा रहा है. मैं अपने युवा मित्रों से आह्वान करता हूं कि वे आएं और मेक इन इंडिया को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में हमारा साथ दें.
हम सभी को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना चाहिए. गुणवत्ता प्रदान करना हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए. जीरो डिफेक्ट हमारा मंत्र होना चाहिए. हम मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण कर सकते हैं जो न केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि विश्व के लिए विनिर्माण और नवाचार का केंद्र भी बनेगा.