अश्विनी महाजन का ब्लॉग: आर्थिक संकट जैसे हालात नहीं

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Updated: October 21, 2018 03:46 IST2018-10-21T03:46:02+5:302018-10-21T03:46:02+5:30

पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी काफी ऊंची थीं और रुपया भी इस दौरान कमजोर हो रहा था। गौरतलब है कि 28 अगस्त 2013 को भारतीय रुपया उस समय के सबसे अधिक कमजोर स्तर 68़ 84 रु। प्रति डॉलर पर पहुंच गया था।

Blog of Ashwini Mahajan: No Things Like Economic Crisis | अश्विनी महाजन का ब्लॉग: आर्थिक संकट जैसे हालात नहीं

अश्विनी महाजन का ब्लॉग: आर्थिक संकट जैसे हालात नहीं

 वर्ष 2018 के प्रारंभ से अभी तक भारतीय रुपया 20 प्रतिशत से भी अधिक गिर कर 10 अक्तूबर 2018 तक 74।72 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच गया था। उधर पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं और पिछले दो महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। 

देश का चालू खाते पर विदेशी भुगतान घाटा जो वर्ष 2017-18 में जीडीपी का 1़ 9 प्रतिशत ही था, चालू वित्तीय वर्ष में 2़ 6 प्रतिशत तक भी पहुंच सकता है।

इन परिस्थितियों में ऐसा प्रतीत होता है कि भारत पुन: एक बार आर्थिक संकट में आ गया है। लेकिन ऐसी परिस्थितियां भारत के लिए कोई नई बात नहीं हैं। वर्ष 2011-12 और 2012-13 में चालू खाते पर विदेशी भुगतान घाटा जीडीपी के 4 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गया था।

 पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी काफी ऊंची थीं और रुपया भी इस दौरान कमजोर हो रहा था। गौरतलब है कि 28 अगस्त 2013 को भारतीय रुपया उस समय के सबसे अधिक कमजोर स्तर 68़ 84 रु। प्रति डॉलर पर पहुंच गया था।

अब प्रश्न यह उठता है कि क्या भारत पुन: उसी प्रकार के संकट में आ पहुंचा है, जैसे वह 2012-13 में पहुंच गया था। यदि देखा जाए तो उस समय की आर्थिक परिस्थितियां वास्तव में गंभीर थीं। आज की परिस्थिति उस समय से काफी भिन्न है। 

वर्ष 2011-12 और 2012-13 में जीडीपी की वृद्धि दर क्रमश: 6़ 2 प्रतिशत और 4़ 2 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। जबकि वर्ष 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 7़ 3 प्रतिशत रही और 2018-19 के लिए इसके 7़ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की आशा है, ऐसा अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां बता रही हैं। 

यही नहीं 2012 और 2013 में महंगाई दर भी दो अंक में पहुंच गई थी, जो आज 3।5 प्रतिशत के आसपास है। 

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि हालांकि भारतीय रुपए पर संकट बरकरार है और पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत मुकाम पर है, आर्थिक संकट जैसे हालात नहीं हैं। 

Web Title: Blog of Ashwini Mahajan: No Things Like Economic Crisis

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