बिहार में तीसरे चरण के चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच साख बचाए रखने की चुनौती

By एस पी सिन्हा | Published: May 5, 2024 04:13 PM2024-05-05T16:13:28+5:302024-05-05T16:14:58+5:30

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 5 संसदीय सीटों अररिया, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया लोकसभा सीटों पर 7 मई को मतदान होगा।

Lok Sabha Elections 2024 third phase in Bihar NDA and India alliance | बिहार में तीसरे चरण के चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच साख बचाए रखने की चुनौती

(फाइल फोटो)

Highlightsबिहार में तीसरे चरण के चुनाव में 5 संसदीय सीटों पर होगा मतदानअररिया, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया लोकसभा सीटों पर होगी वोटिंगतीसरे चरण में इंडिया गठबंधन की ताकत की एक बड़ी परीक्षा होने जा रही है

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 5 संसदीय सीटों अररिया, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया लोकसभा सीटों पर 7 मई को मतदान होगा। इसके लिए आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार का शोर थम गया। तीसरे चरण में इंडिया गठबंधन की ताकत की एक बड़ी परीक्षा होने जा रही है, जबकि दूसरी ओर एनडीए को अपनी साख बचाने की चुनौती है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में राजद सहित पूरे विपक्ष की मिट्टी पलीद हो गई थी। राजद के मूल वोट बैंक यादव और अल्पसंख्यकों की एक बड़ी आबादी के साथ चार सीटें मधेपुरा, सुपौल, झंझारपुर सहित खगड़िया पर लालू यादव और तेजस्वी की नजर है। वहीं अररिया में करीब 7.5 लाख अल्पसंख्यक मतदाता होने से यहां भी राजद अपने लिए उम्मीद लगाए हुए है।

झंझारपुर लोकसभा सीट पर जदयू के रामप्रीत मंडल ने पिछले लोकसभा चुनाव में राजद के गुलाब यादव को 3.22 लाख वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया था। इस बार जदयू से रामप्रीत मंडल हैं लेकिन महागठबंधन में यह सीट मुकेश सहनी की वीआईपी को गया है। वीआईपी ने सुमन कुमार महासेठ को प्रत्याशी बनाया है। वहीं गुलाब यादव  लालू यादव की पार्टी से बगावत कर बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। गुलाब यादव पहले विधायक रह चुके हैं। उनकी पत्नी विधान पार्षद हैं, जबकि बेटी जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। ऐसे में गुलाब यादव के मैदान में आने से महागठबंधन के सुमन कुमार महासेठ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 

वहीं, करीब 44 फीसदी यादव मतदाताओं वाले अररिया में जीत-हार के बीच अल्पसंख्यक मतदाता बेहद अहम हो जाते हैं। यहां करीब 7.5 लाख अल्पसंख्यक मतदाता हैं। ऐसे में भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को राजद के शाहनवाज आलम से मुकाबला है। पिछले चुनाव में भाजपा ने 1.37 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। यहां भी लालू यादव को अल्पसंख्यक वोटों पर अपनी पकड़ बनाये रखने की अग्निपरिक्ष से गुजरना है तो दूसरी ओर भाजपा को यहां अपनी प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है। 

उसी तरह मधेपुरा में जदयू के दिनेश चन्द्र यादव ने पिछले लोकसभा चुनाव में शरद यादव को तीन लाख वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया था। इस बार उनका मुकाबला राजद के प्रो. कुमार चंद्रदीप से है। इस बार भी यहां दो यादवों के बीच मुख्य मुकाबला है। ऐसे में एक ओर जहां जदयू को सीट बचाने की चुनौती है तो दूसरी ओर लालू यादव को अपने यादव मतदाताओं पर अपनी पकड़ को परखने में जुटे हैं।

उधर, कोसी के पेट में बसे सुपौल में इस बार 15 प्रत्याशी हैं। यहां जदयू के निवर्तमान सांसद दिलेश्वर कामत को अपनी सीट बचानी है। जबकि राजद के कामेश्वर चौपाल लालू यादव की करिश्मा के बदौलत इस सीट पर कब्जा जमाना चाहते हैं। लेकिन बैद्यनाथ मेहता ने निर्दलीय उतरकर दोनों की चिंता बढ़ा दी है। सुपौल में भी सियासी लड़ाई भी जातियों समीकरणों के आसपास ही जारी है। वहीं, खगड़िया लोकसभा सीट पर चिराग पासवान ने राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है। ऐसे में राजेश वर्मा पर एनडीए का गढ़ बचाए रखने की चुनौती है तो दूसरी ओर माकपा के संजय कुमार यहां लाल झंडा फहराने की जुगत में जुटे हुए हैं। पिछले चुनाव में लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर ने 2.48 लाख वोटों से जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार यहां सियासी समीकरण बदला हुआ है। दोनों ओर से नये प्रत्याशी होने के कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया है।

Web Title: Lok Sabha Elections 2024 third phase in Bihar NDA and India alliance

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