Lok Sabha Elections 2024: "मोदी की गारंटी का मतलब है गारंटी की पूर्ति", अनुराग ठाकुर ने सीएए शुरू होने पर बांधे पीएम मोदी की तारीफों के पुल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 16, 2024 09:05 AM2024-05-16T09:05:24+5:302024-05-16T09:10:34+5:30
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश के नागरिकों को उनकी पहचान दिलाने में सक्षम बनाएंगे।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर ने बीते बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि पीएम मोदी देश के नागरिकों को उनकी पहचान दिलाने में सक्षम बनाएंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अनुराग ठाकुर ने कहा, ''धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई बहनों और भाइयों को सीएए कानून के तहत आज से भारतीय नागरिकता मिलनी शुरू हो गई है।''
उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक फैसला देश में दशकों से पीड़ित करोड़ों लोगों को उनकी पहचान दिलाएगा। मोदी की गारंटी का मतलब है गारंटी की पूर्ति।"
अनुराग ठाकुर के बाद केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने भी सीएए शुरू होने की तारीफ करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवेदनशील नेतृत्व में आज से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आए भाई-बहनों को सीएए के तहत नागरिकता का अधिकार मिलना शुरू हो गई है।”
गोयल ने आगे कहा, 'मैं सभी शरणार्थी भाइयों की तरफ से मोदी जी को तहे दिल से बधाई देता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि मोदी जी द्वारा दी गई हर गारंटी इसी तरह पूरी होती रहेगी।'
मालूम हो कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने के दो महीने से अधिक समय बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट सौंपा। सूचना के अनुसार केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे।
गृह मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार गृह सचिव ने आवेदकों को बधाई दी और नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला। नागरिकता चाहने वाले 14 आवेदकों को प्रमाणपत्र भौतिक रूप से सौंपे गए और कई अन्य आवेदकों को ईमेल के माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र जारी किए गए।
इन नियमों के अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित व्यक्तियों से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो धर्म के आधार पर उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आ चुके हैं।
लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले 11 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किया था।