Lok Sabha Elections 2024: "अमित शाह ने केजरीवाल की जमानत पर बयान देकर सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल खड़ा किया है", कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री की टिप्पणी पर किया हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 16, 2024 11:36 AM2024-05-16T11:36:15+5:302024-05-16T11:38:35+5:30
कपिल सिब्बल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी बेहद 'आपत्तिजनक' है।
नई दिल्ली: ज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी बेहद 'आपत्तिजनक' है। उन्होंने कहा कि अगर गृह मंत्री शाह को कानून के बारे में जानकारी होती, तो वह ऐसा टिप्पणी नहीं करते।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कपिल सिब्बल ने कहा, "केजरीवाल की जमानत को लेकर अमित शाह ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है और सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कई लोग कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष व्यवहार किया गया है।"
सिब्बल ने कहा, "अमित शाह ने कहा कि 'लोग कहते हैं', उन्होंने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि उन्हें उन लोगों पर भरोसा है। शाह को 'लोग कहते हैं' के पीछे नहीं छुपना चाहिए। गृह मंत्री, जिन्हें कानून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। आज मैं उन्हें समझाऊंगा कि अगर किसी को 2-3 साल से ज्यादा की सजा होती है तो सजा पर स्टे मिलने पर वह नामांकन दाखिल कर सकता है और चुनाव भी लड़ सकता है।"
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आगे कहा, "अगर किसी पर आरोप पत्र दाखिल हो रहा है तो भी वे चुनाव प्रचार कर सकता है और नामांकन भी दाखिल कर सकते हैं। बृजभूषण की तरह उन पर भी आरोप पत्र दाखिल है। आखिर वह अपने बेटे के लिए प्रचार कैसे कर रहे हैं? जिस पर आरोप हो वह प्रचार नहीं कर सकता, क्यों? मेरा मानना है कि गृह मंत्री को कानून की उतनी जानकारी नहीं है। अगर उन्हें इस बारे में पता होता तो वह इस तरह के बयान नहीं देते।''
मालूम हो कि अमित शाह ने बीते बुधवार को एएनआई को दिये इंटरव्यू में कहा कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का फैसला सुनाने वाले न्यायाधीशों को यह जांचना चाहिए कि क्या उनके आदेश का "दुरुपयोग" किया गया है।
शाह ने कहा, "मेरा मानना है कि यह सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट अवमानना है। इसलिए अरविंद केजरीवाल, जो कहना चाहते हैं कि अगर वह जीतते हैं, भले ही वह दोषी हों, तो सुप्रीम कोर्ट उन्हें जेल नहीं भेजेगा। अब फैसला सुनाने वाले जजों ने यह देखना चाहिए कि क्या उनके फैसले का गलत इस्तेमाल या दुरुपयोग किया जा रहा है।“
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि कई लोगों को लगता है कि दिल्ली शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें विशेष उपचार मिलने जैसा है।
अमित शाह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का पूरा अधिकार है, लेकिन मेरा मानना है कि यह कोई नियमित फैसला नहीं है। इस देश में बहुत से लोग मानते हैं कि उन्हें विशेष उपचार दिया गया है।"
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी। इस साल 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल में 50 से अधिक दिन बिताए थे।
अदालत के आदेश के अनुसार केजरीवाल को मिली जमानत 1 जून तक लागू है और फिर उन्हें 2 जून को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार में भाग ले सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में कार्यालय में उपस्थित नहीं हो सकते हैं।