Jharkhand Lok Sabha Elections 2024: मंत्री आलमगीर आलम अरेस्ट, बैकफुट पर क्यों कांग्रेस, राजद और झामुमो, अभी तीन चरण में 10 सीट पर वोटिंग, क्या होगा समीकरण
By एस पी सिन्हा | Published: May 16, 2024 04:03 PM2024-05-16T16:03:34+5:302024-05-16T16:05:43+5:30
Jharkhand Lok Sabha Elections 2024: जनवरी में झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो) के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अब चुनाव के बीच मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी को सत्ता पक्ष इस कार्रवाई को भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद करने की सजा बता रहा है
Jharkhand Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के बीच ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर कांग्रेस, राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा का चुनावी रंग फीका कर दिया है। ईडी की इस कार्रवाई को जहां विपक्ष भ्रष्टाचार पर बड़ा वार मान रहा है। दरअसल, जनवरी में झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो) के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अब चुनाव के बीच मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी को सत्ता पक्ष इस कार्रवाई को भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद करने की सजा बता रहा है।
गिरफ्तारी से गठबंधन सरकार पर खतरा मंडराने लगा
आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है। बता दें कि आलमगीर आलम झारखंड के चंपई मंत्रिमंडल में सबसे ओहदेदार मंत्री थे। उनके पास ग्रामीण विकास मंत्री के अलावा संसदीय कार्य मंत्री भी था। साथ ही साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता भी थे। इनकी गिरफ्तारी से गठबंधन सरकार पर खतरा मंडराने लगा है।
साहेबगंज पुलिस ने मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को 24 घंटे में ही क्लीन चिट दी थी
वैसे भाजपा ने पहले ही आलमगीर आलम से इस्तीफे की मांग भी की थी। आलमगीर आलम पर पहले से ही बरहरवा टोल प्लाजा की निविदा को लेकर गड़बड़ी करने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम भी शामिल था। इस कांड में साहेबगंज पुलिस ने मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को 24 घंटे में ही क्लीन चिट दी थी।
विशेष अदालत ने 6 दिनों के लिए रिमांड पर लेने की अनुमति दी
इडी ने इस मामले में डीएसपी रहे प्रमोद मिश्रा से भी पूछताछ की थी। वहीं, जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव की जारी गतिविधियों के बीच मंत्री के पीए और उनके नौकर के घर से नोटों की गड्डियों का पकड़ा जाना और उसके बाद मंत्री की गिरफ्तारी से जनता में गलत संदेश तो जाता ही है। इस बीच ईडी ने आलमगीर आलम को गुरुवार दोपहर पीएमएलए कोर्ट में पेश किया, जहां ईडी ने अदालत से 10 दिनों के लिए रिमांड की मांग की। लेकिन प्रभात कुमार शर्मा की विशेष अदालत ने 6 दिनों के लिए रिमांड पर लेने की अनुमति दी। वे 22 मई तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे।
पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के आवास पर छापेमारी कर 37.24 करोड़ रुपये जब्त किए थे
मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने 14 मई को रांची जोनल कार्यालय में पेश होने के लिए समन भेजा था। दो दिनों तक पूछताछ के बीच बुधवार की शाम को ईडी ने मंत्री को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि ईडी की टीम ने 6 मई को आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के आवास पर छापेमारी कर 37.24 करोड़ रुपये जब्त किए थे।
महागठबंधन की सरकार में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं
एजेंसी ने जहांगीर आलम के घर से कुछ आभूषण भी बरामद किए थे। संजीव लाल और उसका नौकर जहांगीर आलम पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। अभी दोनों ईडी की रिमांड पर हैं। इस बीच, ईडी के द्वारा आलमगीर आलम की गिरफ्तारी को लेकर रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। यह अभी शुरुआत है।
हेमंत सोरेन भी गिरफ्तार हो चुके हैं और उनके कई सहयोगी भी गिरफ्तार हुए हैं। यह सब पैसे का खेल है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही कार्रवाई के बाद विपक्ष बौखला गया है। जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री का नारा बदल गया है। प्रधानमंत्री का यह नारा है कि तमाम खाने वाले को अपनी पार्टी में शामिल कराऊंगा और उन्हें खाने की जगह दूंगा।
तमाम भ्रष्टाचारी प्रधानमंत्री के पार्टी में है। अजित पवार, छगन भुजबल, नारायण राणे, रवन्ना, चिन्मयानंद जैसे कई नाम है जो पीएम के प्रिय हैं। प्रधानमंत्री का बड़बोलेपन को देश की जनता देख रही है। ईडी को आगे कर विपक्ष को डराने-धमकाने का प्रयास किया जा रहा है।