झारखंड उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी पर लगाया जुर्माना, दो सप्ताह के भीतर नहीं जमा करने पर बढ़ेगी मुसीबत, जानें मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 18, 2024 03:58 PM2024-05-18T15:58:52+5:302024-05-18T16:00:22+5:30
फरवरी 2024 में झारखंड के चाईबासा में एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। यह कार्रवाई मार्च 2018 में कांग्रेस सम्मेलन के दौरान तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बारे में गांधी द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों से संबंधित है।
रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। अमित शाह को कथित रूप से बदनाम करने के लिए राहुल के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। इस वारंट को राहुल गांधी की तरफ से चुनौती दी गई थी। लेकिन मामले में निर्धारित समय के भीतर अपना जवाब दाखिल करने में विफल रहने पर झारखंड उच्च न्यायालय ने जुर्माना लगाया।
मामले की सुनावई कर रहे न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दो सप्ताह के भीतर झारखंड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (जेएचएएलएसए) के पास 1,000/- रुपये जमा करने की शर्त पर जवाब देने के लिए और समय की अनुमति दी जाती है। ऐसा न करने पर यह आपराधिक विविध याचिका खारिज कर दी जाएगी। न्यायमूर्ति चौधरी ने यह भी कहा कि यदि याचिकाकर्ता द्वारा JHALSA के पास 1,000/- रुपये जमा करने का प्रमाण दो सप्ताह के भीतर दायर किया जाता है, तो इस आपराधिक विविध याचिका को दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा।
फरवरी 2024 में झारखंड के चाईबासा में एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। यह कार्रवाई मार्च 2018 में कांग्रेस सम्मेलन के दौरान तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बारे में गांधी द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों से संबंधित है। भाजपा कार्यकर्ता प्रताप कटियार ने याचिका दायर कर के कहा था कि राहुल गांधी की टिप्पणियां भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए अपमानजनक थीं। कटियार ने शुरू में 2018 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें 10 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई थी।
आरोप है कि राहुल गांधी ने कहा था कि "हत्या के आरोप" वाले व्यक्ति भाजपा अध्यक्ष बन सकते हैं।
अदालत में पेश होने से व्यक्तिगत छूट के लिए राहुल गांधी के अनुरोध को 14 मार्च, 2024 को अस्वीकार कर दिया गया था। उन्हें 27 मार्च को पेश होने का आदेश दिया गया। इसके बाद राहुल ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की। 20 मार्च को, उच्च न्यायालय ने गैर-जमानती वारंट पर एक महीने की रोक लगा दी और 25 अप्रैल को, एमपी-एमएलए अदालत द्वारा शुरू की गई सभी कार्यवाही रोक दी।