ममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी को लेकर बुरे फंसे भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय, TMC ने किया चुनाव आयोग का रुख
By मनाली रस्तोगी | Published: May 17, 2024 09:31 AM2024-05-17T09:31:44+5:302024-05-17T09:35:26+5:30
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हुए अभिजीत गंगोपाध्याय ने कथित तौर पर पूछा कि ममता बनर्जी की कीमत क्या है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कथित रूप से महिला द्वेषपूर्ण टिप्पणी करने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ चुनाव आयोग का रुख किया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हुए अभिजीत गंगोपाध्याय ने कथित तौर पर पूछा कि ममता बनर्जी की कीमत क्या है।
उन्होंने यह कथित टिप्पणी बुधवार को पूर्वी मिदनापुर के चैतन्यपुर में एक चुनावी रैली में की। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गंगोपाध्याय ने कहा, "तृणमूल का कहना है कि रेखा पात्रा को 2000 में खरीदा गया था। तो, ममता बनर्जी, आपकी कीमत क्या है, 10 लाख?" तृणमूल कांग्रेस ने राजनेता की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सारी हदें पार कर दीं।
पार्टी ने दावा किया कि एक महिला मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए शर्मनाक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। टीएमसी नेता शांतनु सेन ने पीटीआई को बताया, "यह शर्मनाक है कि एक पूर्व न्यायाधीश जो अब भाजपा उम्मीदवार हैं, एक महिला मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। ये बीजेपी की गारंटी है कि बीजेपी राज में महिलाओं का इसी तरह अपमान होगा।"
कथित टिप्पणियों का एक वीडियो क्लिप वायरल हो गया है। हालांकि, भाजपा ने कहा कि यह क्लिप फर्जी है। पार्टी ने कहा कि टीएमसी ऐसे फर्जी वीडियो से बीजेपी को बदनाम करना चाहती है। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "हम ऐसे किसी भी वीडियो के अस्तित्व से सहमत नहीं हैं। यह फर्जी वीडियो जारी करने और भाजपा को बदनाम करने के लिए टीएमसी की एक चाल है। लेकिन इससे चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"
अभिजीत गंगोपाध्याय पश्चिम बंगाल के तमलुक से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में गंगोपाध्याय ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करके पुलिस पर अतिरेक का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था। उनके वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
ममता बनर्जी की टीएमसी को बीजेपी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसने 2019 के आम चुनावों में 18 लोकसभा सीटें जीतीं।