Ayurveda For The Heart: हृदय को स्वस्थ रखने वाली 3 गुणकारी औषधियों के बारे में जानिए, रोजाना सेवन से रहिये निरोग
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 22, 2024 06:59 AM2024-02-22T06:59:21+5:302024-02-22T06:59:21+5:30
भारत की मूल चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद रोग के गहरे मूल कारण की पहचान करके उसका इलाज करता है। आयुर्वेदिक उपचार की मदद से हृदय संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
Ayurveda For The Heart: मनुष्य के आधुनिक जीवन में मनोरंजन और आराम के कई साधन मौजूद है लेकिन साथ ही इस युग में तनाव भी उतना ही प्रभावी है। यही कारण है कि आधुनिक परिवेश में शांतिपूर्ण मन और स्वस्थ जीवनशैली की उम्मीद करना लगभग असंभव सा लगता है। मनुष्य को सामान्य बीमारियों को रोकने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए शरीर के मुख्य अंग यानी हृदय का गहन ज्ञान होना अति आवश्यक है।
दरअसल हमारा हृदय एक मांसपेशीय अंग है, जो एक इंजन की तरह काम करता है और हमारे रक्त को पंप करता है, जिससे हमारा मानव शरीर चलता है। हमारे हृदय में दो कक्ष होते हैं जो ऑक्सीजन युक्त रक्त को ऑक्सीजन रहित रक्त से अलग करते हैं और हर बार जब हम सांस लेते हैं तो हृदय के वाल्व खुलते और बंद होते हैं।
ऐसी कई हृदय संबंधी बीमारियां हैं, जो रक्त वाहिका और हृदय संबंधी समस्याओं के कारण होती हैं जैसे रक्त वाहिका में लचीलेपन की कमी, रुकावट, धमनियों में वसा का जमा होना।
आधुनिक चिकित्सा प्रणाली हृदय की समस्याओं के इलाज के लिए कई तरह की शल्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं वहीं दूसरी ओर भारत की मूल चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद रोग के गहरे मूल कारण की पहचान करके उसका इलाज करता है। हृदय रोगों का सबसे अच्छा इलाज आयुर्वेद नामक समग्र दृष्टिकोण को अपनाने का है, जो महान भारतीय विरासत का हिस्सा है।
आयुर्वेद न केवल प्राचीन सिद्धांत पर आधारित है बल्कि कई शोधकर्ताओं ने समय -समय पर इसमें दक्षता लाने के लिए कई कार्य किये हैं, जिसने साबित किया है कि आयुर्वेदिक उपचार की मदद से हृदय संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
चूंकि आयुर्वेद उपचार के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों पर विश्वास करता है, इसलिए हम यहां उन्हीं अवयवों का जिक्र कर रहे हैं, हृदय रोग में उपचार के लिए हमारे आसपास उपलब्ध हैं। आयुर्वेद द्वारा हृदय रोगों को रोकने और ठीक करने के लिए जो उपाय दिए गए हैं, वो इस प्रकार हैं-
त्रिफला (Triphala): त्रिफला आवंला, बिभीतकी और हरीतकी नाम की तीन जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनता है। त्रिफला हमारे रक्त में वसा के स्तर और उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने में बहुत सहायक होता है और हृदय को स्वस्थ रखता है।
अश्वगंधा (Ashwagandha): यह हमारे दिमाग और शरीर से तनाव कम करने और हृदय की मांसपेशियों को ताकत प्रदान करने वाली एक अद्भुत जड़ी बूटी है। इसके उपयोग से मनुष्य सदैव निरोगी रहता है।
च्यवनप्राश (Chaywanprash): यह विभिन्न जड़ी-बूटियों जैसे चीनी, शहद, घी, आंवला, जैम, तिल का तेल, जामुन सहित कई दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ और विभिन्न मसालों के मिश्रण से बनता है। च्यवनप्राश एक ऐसा हर्बल जैम है, जो हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
ये तीनों आयुर्वेदिक तत्व हृदय समस्याओं के लिए रामबाण माने जाते हैं और सबसे बड़ी बात है कि यह बेहद आसानी से सभी को सुलभ हो जाते हैं। इन तीन के अलावा लहसुन, अदरक, हल्दी, केसर, अर्जुन, गुग्गुल आदि जड़ी-बूटियां हृदय रोगों के लिए बेहद कारगर हैं और हृदय रोग का पूर्ण इलाज प्रदान करती हैं।