रूस में व्लादिमीर पुतिन की बड़ी जीत, पश्चिमी देशों और नाटो को तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: March 18, 2024 10:20 AM2024-03-18T10:20:33+5:302024-03-18T10:22:07+5:30
रूस में राष्ट्रपति पद के लिए रविवार को संपन्न हुए चुनाव में सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज व्लादिमीर पुतिन को एक बार फिर बड़ी जीत मिली है। व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं।
Putin Warns Of World War 3 : रूस में राष्ट्रपति पद के लिए रविवार को संपन्न हुए चुनाव में सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज व्लादिमीर पुतिन को एक बार फिर बड़ी जीत मिली है। व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं। इस बड़ी जीत के बाद पुतिन ने अपने पहले भाषण में कहा कि रूस "डरेगा" नहीं। यूक्रेन युद्ध पर पुतिन ने कहा कि अगर रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन के बीच संघर्ष छिड़ता है तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह होगा कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर है। हालांकि पुतिन ने आगे कहा कि कोई भी ऐसा परिदृश्य नहीं चाहता।
प्रचंड जीत के बाद पुतिन ने सोमवार सुबह लोगों के नाम संबोधन में कहा, "मैं आपके समर्थन और इस विश्वास के लिए आप सभी और देश के सभी नागरिकों को धन्यवाद देना चाहता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन या कितना वे हमें डराना चाहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन या कितना वे हमें, हमारी इच्छा, हमारी चेतना को दबाना चाहते हैं। इतिहास में कभी भी कोई भी इस तरह से सफल नहीं हुआ है। यह अभी काम नहीं आया है और भविष्य में भी काम नहीं करेगा।"
हालांकि रूसी राष्ट्रपति पद के चुनावों को दिखावा भी बताया जा रहा है और आलोचकों के मुताबिक, रूस के चुनाव में मतदाताओं को ‘निरंकुश’ शासक के खिलाफ कोई वास्तविक विकल्प नहीं दिया गया। रूस में तीन दिवसीय राष्ट्रपति चुनाव शुक्रवार को बेहद नियंत्रित माहौल में शुरू हुआ, जहां पुतिन या यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर उनकी सार्वजनिक आलोचना की अनुमति नहीं थी। पुतिन के सबसे मुखर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई और उनके अन्य आलोचक या तो जेल में हैं या निर्वासन में हैं।
चुनाव में उन्हें नाममात्र की चुनौती थी और आरोप है कि उन्होंने विपक्षी नेताओं का क्रूरता से दमन किया। यह पुतिन का पांचवा कार्यकाल होगा। पुतिन शुरुआत में 1999 में पूर्व केजीबी लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में सत्ता में आए थे। तब से रूस की सत्ता पर उनका ही दबदबा रहा है। जीत के बाद अपने भाषण में उन्होंने जोर दिया कि इस जीत से पश्चिमी देशों को संकेत मिलना चाहिए कि उन्हें आने वाले कई वर्षों के लिए संघर्ष और शांति दोनों के समय में अधिक मुखर रूस के साथ जुड़ना चाहिए।