Russia-Ukraine War: खार्किव पर रूसी सेना ने पकड़ मजबूत की, 200 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा किया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 18, 2024 02:15 PM2024-05-18T14:15:12+5:302024-05-18T14:16:38+5:30
रूसी सेना ने यूक्रेन के उत्तरी खार्किव क्षेत्र में एक नया मोर्चा खोला है। अपने रिकॉर्ड पांचवें कार्यकाल में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को सुव्यवस्थित करने और रूसी रक्षा उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
Russia-Ukraine War:यूक्रेन में रूसी सेना लगातार अपना सैन्य अभियान तेज करते जा रही है और महत्वपूर्ण हिस्सों पर कब्जा कर रही है। रूसी समाचार एजेंसी तास ने बताया है कि यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को बढ़ाते हुए रूसी सेना खार्किव क्षेत्र के इज़ियम जिले के बोरोवया गांव की ओर बढ़ गई है। रूसी सेना अब तक 200 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को अपने कब्जे में ले चुकी है और यूक्रेनी सशस्त्र बलों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है।
खार्किव यूक्रेन का दूसरा बड़ा शहर है। अगर इस पर रूस का कब्जा होता है तो यूक्रेन की राजधानी कीव की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इन सबके बीच बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के एक बयान ने भी अमेरिका और यूरोप की चिंताएं बढ़ा दी हैं। लुकाशेंको ने कहा है कि बेलारूसी सेना के साथ रूसी सैनिक सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
रूसी सेना ने यूक्रेन के उत्तरी खार्किव क्षेत्र में एक नया मोर्चा खोला है। अपने रिकॉर्ड पांचवें कार्यकाल में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को सुव्यवस्थित करने और रूसी रक्षा उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पुतिन के इस कदम को नाटो के साथ संभावित संघर्ष के लिए दीर्घकालिक तैयारी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
दूसरी तरफ रूस से लंबे समय से जंग में उलझी यूक्रेनी सेना के पांव अब उखड़ने लगे हैं। यूक्रेनी सेना हथियारों की कमी का सामना भी कर रही है। अग्रिम मोर्चो पर रूस के आक्रामक हमले के कारण स्थिति खराब हो गई है। यूक्रेनी सेना को नए अमेरिकी हथियारों की बेहद जरूरत है। हालांकि इस बीच यूक्रेन को पश्चिमी देशों से कुछ मदद भी मिली है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इटली ने स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम और लंबी दूरी की स्टॉर्म शैडो मिसाइलें भेजी हैं। वहीं अमेरिका ने भी हथियारों की खेप रवाना की है। लेकिन रूसी सेना की कोशिश है कि जब तक अमेरिकी मदद यूक्रेन की सीमा तक पहुंचती है उससे पहले यूक्रेनी सेना को जितना पीछे धकेला जा सके उतना पीछे धकेल दिया जाए।