टीका लगवा चुकी स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध में कोविड-19 से लड़ने वाली एंटीबॉडी
By भाषा | Published: August 25, 2021 06:21 PM2021-08-25T18:21:56+5:302021-08-25T18:21:56+5:30
कोविड-19 रोधी टीका लगवा चुकी स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध में एंटीबॉडी की पर्याप्त मात्रा होती है जो बीमारी से नवजातों का बचाव करती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। ब्रेस्टफीडिंग मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन इस बात का पुख्ता संकेत देता है कि टीका मां व बच्चे दोनों की सुरक्षा कर सकता है और ऐसे में यह एक पुख्ता कारण है कि गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीका क्यों लगवाना चाहिए। अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और अमेरिका के फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के असोसिएट प्रोफेसर जोसफ लार्किन ने कहा, “हमारे नतीजे दिखाते हैं कि स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध में सार्स-सीओव-2 के खिलाफ एंटीबॉडी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ जाती हैं, जो सुझाता है कि टीका लगवा चुकी माताएं अपने बच्चों को भी प्रतिरक्षा देती हैं।”अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जब बच्चे पैदा होते हैं तो उनका प्रतिरक्षा तंत्र अविकसित होता है, जिससे उनके लिए अपने आप संक्रमण से लड़ना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वे कुछ तरह की दवाओं पर पर्याप्त तौर पर प्रतिक्रिया देने के लिहाज से बहुत छोटे होते हैं। अध्ययन के सह लेखक और फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जोसफ नीयू ने कहा, “इस कमजोर अवधि के दौरान स्तनपान कराने वाली महिलाएं नवजातों को ‘परोक्ष प्रतिरक्षा’ भी प्रदान करती हैं।” उन्होंने बताया, “स्तनपान कराने वाली महिलाओं का दूध विभिन्न तरह के औजारों से भरा एक ऐसा बक्सा है जो नवजातों को जीवन के लिये तैयार करने में मदद देता है। टीकाकरण औजारों के इस बक्से में एक और औजार डालने सरीखा है, ऐसा औजार जिसमें कोविड-19 बीमारी को रोकने की अच्छी क्षमता है।”यह अध्ययन दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच किया गया जब फाइजर और मॉर्डर्ना के कोविड-19 रोधी टीके पहली बार अमेरिका में स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को उपलब्ध कराए गए थे। शोधकर्ताओं ने स्तनपान कराने वाली 21 स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों का चयन किया जो कभी कोविड-19 की चपेट में नहीं आई थीं। उन्होंने स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध और रक्त के नमूने तीन बार लिए- टीकाकरण से पहले, टीके की पहली खुराक के बाद और टीके की दूसरी खुराक के बाद। लार्किन की प्रयोगशाला में एक शोधार्थी लॉरेन स्टाफोर्ड ने कहा, “हमनें टीके की दूसरी खुराक के बाद खून और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के दूध में एंटीबॉडी की मजबूत प्रतिक्रिया देखी- जो टीकाकरण के पहले के स्तर की तुलना में करीब 100 गुना ज्यादा थी।”फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के विवियन वल्कार्से ने कहा, “यह प्राकृतिक तौर पर संक्रमण की चपेट में आकर ठीक हो चुके लोगों में मौजूद एंटीबॉडी के स्तर से भी ज्यादा था।”शोधकर्ता अब इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि नवजातों के शरीर में पहुंची एंटीबॉडी किस तरह से उनकी रक्षा करती हैं।
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