कश्मीर के बिलाल अहमद ने बनाई घाटी की पहली सोलर कार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 23, 2022 04:16 PM2022-06-23T16:16:17+5:302022-06-23T16:18:28+5:30
जम्मू-कश्मीर का जिक्र जब भी होता है, आखों के सामने खौफ और आतंक का मंजर छाने लगता है। आतंकवाद के कारण बीते लगभग तीन दशकों में लहुलुहान कश्मीर घाटी को उस वक्त थोड़ा सुकून का एहसास हुआ, जब आतंक प्रभावित श्रीनगर में इंजीनियर और प्रोफेसर बिलाल अहमद ने अपने बल पर सोलर कार बनाई।
जी हां, बिलाल अहमद के जज्बे और जुनून ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया है, जिस पर केवल कश्मीर घाटी को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गर्व हो रहा है। बिलाल के इस कारनामें को सराहते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि कार एक दिन उड़ भी सकती है। कार के शरीर पर सोलर पैनल और अंदर एक चार्जिंग पॉइंट है।"
बिलाल पहले विकलांगों के लिए कार बनाना चाहते थे लेकिन पैसों की कमी के कारण उन्हें वो आइडिया ड्रॉप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सौर कार के विचार ने मुझे उत्तेजित किया क्योंकि यह मुफ्त ऊर्जा है और पेट्रोल की कीमतें 10 साल में और बढ़ने की उम्मीद है।
बिलाल ने करीब 11 साल की कड़ी मेहनत के बाद घाटी की पहली सोलर कार तैयार की। श्रीनगर में गणित के टीचर बिलाल का यह करिश्मा केवल कश्मीर में ही नहीं बल्ति देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बिलाल बताते हैं कि साल 2009 में उन्होंने सोलर कार बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया और दशकों की मेहनत के बाद जब ये प्रोजेक्ट पूरा हुआ है तो उन्हें बहुत खुशी हो रही है।
बिलाल की कार पूरी तरह से बिजली पर चलती है। इसके लिए उन्होंने खास किस्म के सोलर पैनलों का उपयोग किया है जिससे कम से कम सौर ऊर्जा में वो अधिकतम बिजली पैदा करता है और उनकी कार फर्राटे से दौड़ती है। बिलाल अहमद की कार पूरी तरह से स्वचालित है।