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किम जोंग उन के ब्रिलिएंट कामरेड से सुप्रीम लीडर बनने की कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 23, 2020 12:42 AM2020-04-23T00:42:11+5:302020-04-23T00:44:00+5:30

8 जनवरी 1984 में जन्में किम जोंग उन को आज दुनिया खोज रही है कि आखिर वो हैं कहां. किम जोंग इल के तीन बेटों में सबसे छोटे, किम जोंग-उन का बचपन भी लोगों की नजरों से दूर बीता और लोग किम जोंग उन के बारे में बहुत कम जानते थे. कहा जाता कि किंग जोंग उन ने स्विट्जरलैंड के इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बर्न में पढ़ाई की. 2002 से 2007 तक नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में किम इल-सुंग नेशनल वॉर कॉलेज में पढ़ाई की. कम उम्र में ही उन अपने पिता के साथ मिलिट्री इंसपेक्शन पर जाने लगा . 2009 में ही खबरें फैलने लगीं कि किम जोंग को अपने पिता के उत्तराधिकारी के रूप में तैयार किया जा रहा है. उन को 2009 में सुप्रीम पीपुल्स असेंबली के लिए एक उम्मीदवार के रूप में लिस्ट किया गया. अप्रैल आते-आते उन को शक्तिशाली राष्ट्रीय रक्षा आयोग में एक पद दे दिया गया. 

 2009 के मध्य तक किम जोंग-उन को "ब्रिलिएंट कॉमरेड" कहा जाने लगा.  जून में उन को राजनीतिक नियंत्रण और काउंटर इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभालने वाली राज्य सुरक्षा विभाग का प्रमुख बना दिया गया. सितंबर 2010 में किम जोंग-उन को फोर स्टार जनरल का ऊंचा ओहदा मिल गया हालांकि उन को इससे पहले कोई सैन्य अनुभव नहीं था. उन की इस नियुक्ति का समय काफी महत्वपूर्ण था. क्योंकि यह 1980 में सत्र के बाद कोरियन वर्कर्स पार्टी की पहली आम बैठक से कुछ वक्त पहले हुआ. 1980 की ऐसी ही बैठक में उनके पिता को किम इल-सुंग का उत्तराधिकारी चुना गया था. 
 

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