VIDEO: अधीर रंजन चौधरी ने महंत बालकनाथ से कहा, राजस्थान के नए सीएम बन रहे हैं ना...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 4, 2023 17:29 IST2023-12-04T17:27:46+5:302023-12-04T17:29:50+5:30
बालकनाथ, जो अलवर से लोकसभा सांसद हैं और 40 साल के हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह बालकनाथ भी नाथ समुदाय से आते हैं।

VIDEO: अधीर रंजन चौधरी ने महंत बालकनाथ से कहा, राजस्थान के नए सीएम बन रहे हैं ना...
नई दिल्ली: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता संभालेगी। 200 सीटों वाले राज्य में बीजेपी को 115 सीटों में जीत मिली है। जबकि कांग्रेस 69 सीटें जीतने में सफल रही। भाजपा का सीएम चेहरा कौन होगा? इसको लेकर यूं तो कई चेहरों के नाम सामने आ रहे हैं। इन्हीं नामों में एक नाम है महंत बालकनाथ का, जिन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव में खड़ा किया गया था। वह शीर्ष पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं।
विधानसभा चुनाव में बालकनाथ ने तिजारा सीट से जीत हासिल की है। इस बीच सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और भाजपा सांसद योगी बालकनाथ ने संसद परिसर में मुलाकात की। इस दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "राजस्थान के नए CM बन रहे हैं ना..।" न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक्स पर दोनों नेताओं की मुलाकात की वीडियो को शेयर किया है।
वीडियो में अधीर रंजन महंत बालकनाथ के थपकी दी और वीडियो में देखते हुए कहा कि राजस्थान के नए सीएम बन रहे हैं। फिर यही बात उन्होंने बालकनाथ से पूछा राजस्थान के नए सीएम बन रहे हैं ना? हालांकि बालकनाथ ने इस पर केवल मुस्करा दिया और वह कुछ नहीं बोले। हालांकि वीडियो में एक शख्स उनसे यह पूछते सुनाई दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री बनते ही पहला काम क्या करेंगे? इस सवाल पर भी भाजपा नेता कुछ नहीं बोलते हैं।
#WATCH लोकसभा में कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और भाजपा सांसद योगी बालकनाथ ने संसद परिसर में मुलाकात की। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "राजस्थान के नए CM बन रहे हैं ना..." pic.twitter.com/EeBiLXQz5s
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2023
कौन हैं महंत बालकनाथ?
बालकनाथ, जो अलवर से लोकसभा सांसद हैं और 40 साल के हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह बालकनाथ भी नाथ समुदाय से आते हैं और अलवर में उनका जबरदस्त समर्थन और अनुयायी हैं। उन्होंने अपने बचपन के दिनों से ही 6 वर्ष की उम्र में संन्यास ले लिया था। उनके संत बनने का निर्णय उनके परिवार के सदस्यों ने लिया था।