सुप्रीम कोर्ट ने EVM-VVPAT वेरिफिकेशन मामले पर सुरक्षित रखा फैसला, EC से मांगा स्पष्टीकरण

By आकाश चौरसिया | Published: April 24, 2024 03:07 PM2024-04-24T15:07:27+5:302024-04-24T15:24:56+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने आज ईवीएम-वीवीपैट वेरिफिकेशन मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और इसके साथ ही चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांग की है। फिलहाल आज के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित की।

Supreme Court reserves decision on EVM-VVPAT verification issue seeks clarification from EC | सुप्रीम कोर्ट ने EVM-VVPAT वेरिफिकेशन मामले पर सुरक्षित रखा फैसला, EC से मांगा स्पष्टीकरण

फाइल फोटो

HighlightsSC ने EVM-VVPAT मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखाअब अगली सुनवाई में EC से मांगा स्पष्टीकरण हालांकि, शीर्ष अदालत फैसले से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित हो लेना चाहता है

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने आज ईवीएम से वीवीपैट वेरिफिकेशन के मिलान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके साथ ही सुनवाई कर रही पीठ ने चुनाव आयोग से कुछ स्पष्टीकरण मांग करते हुए सुनवाई आज के लिए स्थगित की। हालांकि, आज सुबह मामले पर 10:30 बजे कोर्ट में पीठ में शामिल संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी को कुछ सवालों के जवाब देने के लिए दोपहर 2 बजे अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा था।

इसके साथ चुनाव आयोग से सवाल करते हुए 4 प्रश्न भी जवाब मांगा था। चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के माध्यम से डाले गए वोटों के साथ वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों का मिलान करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

जिन 4 सवालों के जवाब मांगे, इनमें ये है शामिल..
-वीवीपैट में क्या माइक्रोकंट्रोलर को इंस्टॉल किया है?
-क्या माइक्रोकंट्रोलर सिर्फ एक बार ही प्रोग्रामिंग करता है?
-चुनाव आयोग के पास कितने उपलब्ध हैं, सिंबल लोडिंग यूनिट?
-आपने कहा कि चुनाव याचिका दायर करने की सीमा अवधि 30 दिन है और इस प्रकार भंडारण और रिकॉर्ड 45 दिनों तक बनाए रखा जाता है। लेकिन लिमिटेशन डे क्या 45 दिन है, आपको इसे सही करना होगा।

शीर्ष अदालत ने सुबह कहा, "हम बस कुछ स्पष्टीकरण चाहते थे, तथ्यात्मक रूप से हमें पेज पर होना चाहिए। कृपया दोपहर 2 बजे अधिकारी को फोन करें।" पिछली सुनवाई में भी, पीठ ने ईवीएम की कार्यप्रणाली को समझने के लिए एक पोल पैनल अधिकारी से व्यापक बातचीत की थी।

चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया था कि EVM स्टैंडअलोन मशीनें हैं और उनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, लेकिन मानवीय त्रुटि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। फिर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दत्ता ने श्री सिंह से कहा, "आपको अदालत में और अदालत के बाहर दोनों जगह आशंकाओं को दूर करना होगा। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ अपेक्षित है वह नहीं किया जा रहा है।"

Web Title: Supreme Court reserves decision on EVM-VVPAT verification issue seeks clarification from EC

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