सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए वोटों का VVPAT से 100 फीसदी सत्यापन कराने की मांग वाली याचिकाएं खारिज कीं

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 26, 2024 11:03 AM2024-04-26T11:03:05+5:302024-04-26T11:04:40+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

Supreme Court rejects all the petitions seeking 100 per cent verification of EVMs votes with VVPAT | सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए वोटों का VVPAT से 100 फीसदी सत्यापन कराने की मांग वाली याचिकाएं खारिज कीं

(फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए वोटों का VVPAT से मिलान वाली याचिका पर फैसला सुनाया100 फीसदी सत्यापन कराने की मांग वाली याचिकाएं खारिज कीं24 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि माइक्रोकंट्रोलर ईवीएम में बर्न मेमोरी की जांच, परिणाम घोषित होने के बाद, उम्मीदवारों के अनुरोध पर इंजीनियरों की एक टीम द्वारा की जा सकती है। उम्मीदवार को ये अनुरोध परिणाम घोषित होने के 7 दिनों के भीतर करना होगा।

बता दें कि 24 अप्रैल को  उच्चतम न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिंग वोटिंग मशीन के माध्यम से डाले गए सभी वोट का वोटर वेरिफियेबिल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के साथ पूरी तरह मिलान करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा। 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे जिनमें यह प्रश्न भी शामिल था कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था। 

पीठ ने उन्हें अपराह्न दो बजे प्रश्नों के उत्तर देने के लिए बुलाया था। पीठ ने कहा था कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है क्योंकि आयोग द्वारा ईवीएम के बारे में बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों पर दिए गए उत्तरों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है।  

बता दें कि ‘वीवीपैट’ स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने वाली प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। इसके जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है जिसे मतदाता देख सकता है और इस पर्ची को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाता है तथा विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है। 

गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) द्वारा वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिका दायर की गई थी। वर्तमान में एक संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से यादृच्छिक रूप से चयनित केवल पांच ईवीएम से पर्चियों का मिलान किया जाता है।

Web Title: Supreme Court rejects all the petitions seeking 100 per cent verification of EVMs votes with VVPAT

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